CG Open Jail: छत्तीसगढ़ की पहली ओपन जेल बेमेतरा के पथर्रा में, 15 मई तक काम होगा पूरा

CG Open Jail: छत्तीसगढ़ की पहली ओपन जेल बेमेतरा के पथर्रा में, 15 मई तक काम होगा पूरा

CG Open Jail: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या और अमानवीय हालात को लेकर बिलासपुर हाई काेर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गई है। दोनों याचिकाओं की हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को मामलीे की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई।

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश जवाब में जानकारी दी गई कि बेमेतरा जिले के ग्राम पथर्रा में ओपन जेल का निर्माण चल रहा है। 15 मई तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। ओपन जेल में फिनिशिंग का काम तेज गति से चल रहा है। तय डेडलाइन के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा। यह नियत समय पर पूरी कर ली जाएगी। इस पर हाई कोर्ट ने संतोष व्यक्त करते हुए सुनवाई की अगली तारीख नियत कर दी।

0 एक पीआईएल और एक हाई कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान

छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या और अमानवीय स्थिति को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील पिल्लई ने जनहित याचिका दायर की है। पीआईएल में कैदियों की अमानवीय स्थिति, कैदियों के स्वास्थ्य संकट और संदिग्ध मौत से जुड़े मामलों को भी अन्य याचिकाओं में उठाया गया है। हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दायर करने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को दिया था। दोनों पीआईएल की एकसाथ सुनवाई चल रही है।

0 छत्तीसगढ़ सरकार ने जवाब में ये कहा था

रायपुर और बिलासपुर में विशेष जेलों की स्थापना की जा रही है। रायपुर जिले में विशेष जेल के लिए भूमि उपलब्ध हो चुकी है और वहां निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। बेमेतरा में ओपन जेल की स्थापना का काम प्रगति पर है, जो जल्द पूरी होगी। डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ कहा है बंदियों के भी मौलिक अधिकार होते हैं और उन्हें न्यूनतम मानवीय सुविधाएं मिलनी ही चाहिए।

0 सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि तकरीबन 6 वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों की स्थिति सुधारने के निर्देश दिए थे। इसका पालन सभी राज्यों को करना था, लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ में अपेक्षित सुधार नहीं हुए हैं। उन्होंने जेलों में कैदियों के लिए अनुपयुक्त व अमानवीय परिस्थितियों, मेडिकल सुविधाओं की कमी तथा बंदियों की संदिग्ध मौतों की घटनाओं का उल्लेख किया, जो चिंताजनक हैं।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share