CG Janjgir- champa district:छत्तीसगढ़ का हृदय है जांजगीर-चांपा, जानिए जांजगीर-चांपा के बारे में पूरी जानकारी

CG Janjgir- champa district: जांजगीर-चांपा जिले की स्थापना 25 मई 1998 को हुई थी और यह छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य में स्थित है, जिससे इसे छत्तीसगढ़ का हृदय कहा जाता है. जिले का मुख्यालय जांजगीर शहर है, जो कुलचुरी वंश के महाराजा जाजवल्य देव का ऐतिहासिक शहर है. जांजगीर-चांपा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है, क्योंकि यह क्षेत्र प्राचीन समय से ही एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है. यहां की प्रमुख नदी हसदेव नदी है जो की महानदी की सहायक नदी हैं.आइये जानते है जांजगीर-चांपा के बारे में पूरी जानकारी.
जांजगीर-चांपा जिले का इतिहास
जांजगीर-चांपा जिले का इतिहास 12वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है, जब जाज्वल्य देव नामक शासक ने इस नगर की स्थापना की थी. जाज्वल्य देव के रतनपुर शिलालेख से यह जानकारी मिलती है कि उन्होंने यहां मंदिर और तालाब का निर्माण कराया था, जिनमें से विष्णु मंदिर आज भी जिले के स्वर्णिम अतीत की गवाह है. समय के साथ यह नगर जांजगीर के नाम से जाना जाने लगा. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद यह जिला बिलासपुर के तहत आ गया और 1998 में मध्य प्रदेश शासन ने इसे बिलासपुर से विभाजित कर एक नए जिले का दर्जा दिया. फिर, 2000 में यह छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा बन गया.
जांजगीर-चांपा जिले में कृषि
यह जिला छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्यान्न का एक प्रमुख उत्पादक है, खासकर धान की खेती के लिए प्रसिद्ध है. जांजगीर-चांपा का कृषि क्षेत्र जिले की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और यहां के किसान विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती करते हैं.
जांजगीर-चांपा जिले की प्रशासनिक जानकारी
जांजगीर-चांपा जिला छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख जिला है, जिसका क्षेत्रफल 237,559 हेक्टेयर है. 2011 की जनगणना के अनुसार इस जिले की कुल जनसंख्या 972,453 है और यहाँ की साक्षरता दर 73.07% है. प्रशासनिक दृष्टिकोण से, जांजगीर-चांपा जिले में 9 तहसीलें, 5 विकासखण्ड और 336 ग्राम शामिल हैं. इसके अलावा, जिले में 9 नगरीय निकाय और 12 पुलिस स्टेशन स्थित हैं, जो जिले के प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करते हैं. यह जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ विकास के क्षेत्र में भी निरंतर प्रगति कर रहा है.
जांजगीर-चांपा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल
जांजगीर-चांपा जिले में अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर हैं. शिवरीनारायण, चंद्रहासिनी देवी मंदिर, दलहा पहाड़, विष्णु मंदिर, गुंजी और क्रोकोडाइल पार्क जैसे स्थल इस जिले को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाते हैं. यहाँ का ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर पर्यटकों को आकर्षित करता है और हर साल सैकड़ों पर्यटक इन स्थानों की सुंदरता और महत्व का अनुभव करने आते हैं.
1. शिवरीनारायण
शिवरीनारायण, महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय से करीब 47 किमी दूर है. यहाँ माता शबरी का आश्रम भी स्थित है, जहां उन्हें प्रभु श्रीराम से आशीर्वाद प्राप्त हुआ था. यह वही स्थान है जहां शबरी माता ने श्रीराम को मीठे बेर खिलाए थे और उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ था. इस स्थल का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है और यह पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है.
2. चंद्रहासिनी देवी मंदिर
चंद्रहासिनी देवी मंदिर, छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. यह मंदिर चंद्रपुर में महानदी के किनारे स्थित है और माँ चंद्रहासिनी को समर्पित है. यहाँ मंदिर परिसर में अर्धनारीश्वर, पवन पुत्र, कृष्ण लीला, महिषासुर वध और अन्य पौराणिक कथाओं पर आधारित झांकियाँ देखी जा सकती हैं. मंदिर के आसपास की भव्य मूर्तियाँ और धार्मिक चित्रण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
3. दलहा पहाड़
जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में स्थित दलहा पहाड़ सतनामी समाज के संस्थापक गुरु घासीदास से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थल है. कहा जाता है कि गुरु घासीदास ने यहाँ तपस्या की थी और यहीं पर उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया था. दलहा पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के लिए पर्यटकों को चार किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें सुंदर कुंड और मंदिर भी मिलते हैं. “सूर्यकुंड” नामक कुंड के बारे में मान्यता है कि इसका पानी पीने से सभी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं.
4. विष्णु मंदिर (नकटा मंदिर)
जांजगीर के विष्णु मंदिर को नकटा मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हेह्य वंश के शासकों ने कराया था. मंदिर के पास स्थित भीमा तालाब बहुत ही सुंदर है और पर्यटकों को आकर्षित करता है. हालांकि, मंदिर का शिखर अधूरा है, लेकिन इसकी दीवारों पर बने देवताओं, गंधर्वों और किन्नरों के चित्र इसे और भी अद्वितीय बनाते हैं.
5. गुंजी (ऋषभतीर्थ) और दमऊदहरा जलप्रपात
गुंजी, जो जांजगीर जिले के सक्ती तहसील में स्थित है, एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटक स्थल है. यहाँ ऋषभ देव मंदिर स्थित है, जिसमें जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव की मूर्ति स्थापित है. इस स्थल के पास स्थित दमऊदहरा जलप्रपात एक आकर्षक जलप्रपात है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. यहाँ की गुफाएँ और रामजानकी मंदिर भी दर्शनीय हैं, जो धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संयोजन प्रस्तुत करते हैं.
6. क्रोकोडाइल पार्क, कोटमीसोनार
कोटमीसोनार ग्राम में स्थित क्रोकोडाइल पार्क, जांजगीर-चांपा जिले का एक अनोखा और आकर्षक स्थल है. यह प्रदेश का एकमात्र मगरमच्छ संरक्षण केंद्र है, जहां मगरमच्छों का कृत्रिम रूप से संरक्षण किया जाता है. यहाँ पर्यटक मगरमच्छों के प्राकृतिक आवास में उनके जीवन का अनुभव कर सकते हैं, जो विशेष रूप से वन्यजीव प्रेमियों और परिवारों के लिए एक अद्भुत अनुभव है.
FAQS
प्रश्न 1. जांजगीर-चांपा जिले में कितनी तहसीलें हैं?
उत्तर: जांजगीर-चांपा जिले में कुल 10 जांजगीर, अकलतरा, बलौदा, नवागढ़, पामगढ़, सक्ती, जैजैपुर, मालखरौदा, डभरा, चांपा हैं.
प्रश्न 2. जांजगीर-चांपा जिला कब बना था?
उत्तर: जांजगीर-चांपा को 25 मई 1998 में जिला घोषित किया गया.
प्रश्न 3. जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर कौन है?
उत्तर: जांजगीर-चांपा जिले के वर्तमान कलेक्टर आकाश छिकारा हैं
प्रश्न 4. जांजगीर-चांपा का पिन नंबर क्या है?
उत्तर: जांजगीर का पिन कोड 495668 और चांपा का पिन कोड 495671 है.
प्रश्न 5. जांजगीर-चांपा का पुराना नाम क्या था?
उत्तर: जांजगीर-चांपा का पुराना नाम जाज्वल्यदेवनगरी था.