CG IPS Transfer: दो आईजी और कई जिलों के पुलिस अधीक्षक बदलेंगे! सरगुजा आईजी को पुलिस मुख्यालय में मिल सकती है जिम्मेदारी…

CG IPS Transfer: दो आईजी और कई जिलों के पुलिस अधीक्षक बदलेंगे! सरगुजा आईजी को पुलिस मुख्यालय में मिल सकती है जिम्मेदारी…

CG IPS Transfer: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आज शाम दो दिन के दौरे से रायपुर लौटने के बाद प्रशासनिक और पुलिस महकमे में अहम सर्जरी हो सकती है। मुख्यमंत्री पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में व्यस्त रहे फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा बन गया। केंद्रीय गृह मंत्री के दिल्ली लौटने के बाद मुख्यमंत्री कल गृह ग्राम बगिया गए थे। वहां से आज सुबह रायपुर लौटे और फिर कांकेर रवाना हो गए। वहां से शाम छह बजे के आसपास वे रायपुर लौटेंगे।

मुख्यमंत्री के रायपुर लौटने के बाद आज रात या फिर कल प्रशासनिक और पुलिस ट्रांसफर पर मंत्रणा होगी। जाहिर है, कई जिलों के कलेक्टरों को बदला जाना प्रस्तावित है। कल 8 अप्रैल से सुशासन तिहार प्रारंभ होने वाला है। इससे पहले सरकार करीब आधा दर्जन जिलों के कलेक्टरों को बदलना चाह रही है। हालांकि, पहले ये चर्चा थी कि लोक सुराज के बाद आईएएस के ट्रांसफर होंगे मगर अब सुनने में आ रहा कि कुछ कलेक्टर लोक सुराज से पहले बदल दिए जाएंगे।

कलेक्टरों के साथ ही आईपीएस की एक लिस्ट निकलने की चर्चा है। इसमें दो पुलिस रेंज के आईजी के साथ कुछ जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले जाएंगे। आईजी में सरगुजा रेंज के अंकित गर्ग का नाम प्रमुख है। खबरों की मानें तो अंकित को पुलिस मुख्यालय में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। एक एडीजी की जगह पर अंकित गर्ग को बिठाया जा सकता है। अंकित एनआईए में काम कर चुके हैं। उससे पहले वे पीएचक्यू में भी रहे हैं।

इसके साथ ही पांच-से-सात पुलिस अधीक्षक के ट्रांसफर की भी चर्चाएं हैं। एसपी, आईजी के साथ पुलिस मुख्यालय की लिस्ट भी निकलेगी। अरुणदेव गौतम के डीजीपी बनने के बाद पुलिस मुख्यालय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौतम अशोक जुनेजा की टीम से ही काम चला रहे हैं। मगर अब दो महीना हो गया है। डीजीपी भी चाहेंगे कि उनकी अपनी टीम हो। पीएचक्यू में आईजी और एडीजी लेवल पर अफसरों की अब कमी भी नहीं है। इसलिए विकल्प का संकट नहीं है।

अभिषेक शांडिल्य को पोस्टिंग

सीबीआई डेपुटेशन से लौटे आईजी रैंक के आईपीएस अभिषेक शांडिल्य को अभी रेगुलर पोस्टिंग नहीं मिली है। उन्हें इंटेलिजेंस में बिठाया गया है। मगर इंटेलिजेंस में एडीजी के नीचे आईजी कभी नहीं रहा। खुफिया विभाग के चीफ अभी या तो एडीजी रहे हैं या फिर आईजी। इस समय सीबीआई से लौटे अमित कुमार एडीजी इंटेलिजेंस हैं। उनके नीचे डीआईजी और एआईजी हैं। लिहाजा, अभिषेक शांडिल्य को सरकार किसी पुलिस रेंज में पोस्टिंग दे सकती है।

पोस्टिंग में चाल-चलन और चरित्र को वेटेज

आईजी और एसपी की पोस्टिंग में कलेक्टरों की तरह छबि और परफर्मेंस को आधार बनाया जाएगा। हालांकि, पिछले कुछ सालों में हायर लेवल के अफसर भी इस कदर डिरेल्ड हो गए हैं कि सरकार को नाम छांटने में खासी दिक्कतें जाएंगी। विशेषकर डायरेक्ट आईपीएस में च्वाइस काफी कम बच गया है। अभी तक प्रमोटी आईपीएस के बारे में धारणा थी कि वे राजनीतिक दबावों में किसी भी हद तक झुक जाते हैं। मगर छत्तीसगढ़ में उल्टा हो गया। अब डायरेक्ट आईपीएस ऐसे-ऐसे कारनामे कर डाले कि आज की तारीख में राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, वीवीआईपी डिस्ट्रिक्ट जशपुर, सबसे कठिन जिला बलौदाबाजार, जांजगीर, सूरजपुर जैसे जिले प्रमोटेड आईपीएस चला रहे हैं। बड़े जिलों में सिर्फ दुर्ग और बस्तर में डायरेक्ट आईपीएस एसपी हैं।

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