CG Election 2025: नगरीय निकाय चुनाव: शहरी और ग्रामीण मतदाताओं के बीच संतुलन बैठाना बड़ी चुनौती
CG Election 2025: बिलासपुर। बिलासपुर के बाद बेलतरा और बिल्हा विधानसभा इसके ठीक नीचे तखतपुर और सबसे अंत में मस्तूरी विधानसभा को सूचीबद्ध करके देखते हैं तो मौजूदा नगर निगम चुनाव में जिले के छह में से पांच विधानसभा क्षेत्र के भाजपा व कांग्रेस के दिग्गजों की राजनीतिक प्रतिष्ठा और उनकी रणनीति सीधेतौर पर दांव पर लगी रहेगी।
विधानसभा से लोकसभा चुनाव की रणनीति और मुद्दे काफी अलग होते हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में तो एकदम अलग। उम्मीदवार की अपनी व्यक्तिगत छवि के अलावा पार्टी के कामकाज और चुनाव को लीड करने वाले दिग्गजों के अलावा संगठन के पदाधिकारियों के चेहरे भी सामने आते हैं। सबकी अपनी अलग-अलग छवि और लोगों के बीच पैठ का असर ईवीएम में देखने को मिलता है। ईवीएम की चर्चा इसलिए कि निकाय चुनाव ईवीएम से ही होना है। उम्मीदवारों के अलावा रणनीतिकारों की दमदार छवि कितनी प्रभावी होगी यह तो ईवीएम में पड़ने वाले वाेट से ही देखा और परखा जाएगा। यह भी तय है जैसा कि हर चुनाव में नजर आता है, स्थानीय निकाय के चुनाव में स्थानीय मुद्दे काफी हद तक हावी तो रहता है,प्रभावित भी उसी अंदाज में करता है। विधानसभावार वार्डाें की संख्या और दोनों दलों के प्रभाव पर नजर डालें तो बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 39 वार्ड आते हैं। इसके बाद बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के बेलतरा 17, बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के 8, तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के 4 व मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के दो वार्ड को निगम सीमा में शामिल किया गया है। शहरी व ग्रामीण वार्ड के हिसाब से बंटवारा करें तो शहर विधानसभा में 39 व ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों के 31 वार्ड हैं। इसकी चर्चा इसलिए कि चुनावी माहौल बनाने और मुद्दों को रखने में रणनीतिकारों को कितनी मशक्कत करनी पड़ेगी यह जानना भी जरुरी है। आमतौर पर यह देखने में आता है कि शहरी मतदाताओं का रुझान पार्टी और प्रत्याशियों के हाईटैक चुनाव प्रचार और शहर में बनने वाले माहौल के बीच काफी कुछ तय करता है। गांवों में मोहल्लों की समस्या से लेकर स्थानीय और काफी हद तक व्यक्तिगत समस्याओं और विवादों का ऐसा टिस जो काफी समय से दबा रहता है यकायक उभरकर सामने आ ही जाता है। ऐसी परिस्थितियों उम्मीदवारों के साथ ही साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए भारी पड़ने लगता है। वार्ड की समस्या दूर ना होने से जो नाराजगी पनपनी रहती है वह भी सामने आने लगता है। चुनावी वायदे भी रह-रहकर मतदाताओं की नाराजगी बढ़ाने का काम ही करता है।
टिकट वितरण से उभरी नाराजगी भी बड़ी चुनौती
कमोबेश यह दोनों ही दलों के उम्मीदवारों और रणनीतिकारों को मतदान तक यह झेलना ही पड़ेगा। टिकट वितरण से उभरी नाराजगी इनके सामने बड़ी चुनौती रहेगी। नाराजगी को किस हद तक दूर कर पाते हैं और नाराज दावेदारों को चुनाव काम में कैसे लगाते हैं यह भी देखने वाली बात होगी।
इनकी सियासी साख रहेगी दांव पर
विधायक अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, दिलीप लहरिया, पूर्व विधायक डा कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व विधायक सियाराम कौशिक।
किस विधानसभा में कितने वार्ड
बिलासपुर विधानसभा 39 वार्ड
बेलतरा विधानसभा 17 वार्ड
तखतपुर विधानसभा 4 वार्ड
बिल्हा विधानसभा 8 वार्ड
मस्तूरी विधानसभा 2 वार्ड