CG Coal Scam: ईडी का गंभीर आरोप: पति के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम देती थी IAS रानू साहू, कोल स्कैम में आईएएस जेपी मौर्य भी फंंसे…

CG Coal Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोल लेव्ही घोटाले की फाइल और स्कैम में संलिप्त लाेगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ईडी ने स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेश पूरक चालान में जेल में बंद आईएएस रानू साहू के आईएएस पति जेपी मौर्य, एडवोकेट पीयूष भाटिया सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया है। ईडी ने घोटाले में संलिप्तता के आरोप में आईएएस रानू साहू के परिजनों के नाम को चालान में शामिल किया है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही इन सभी 9 लोगाें की गिरफ्तारी हो सकती है।
ED ने लगाए गंभीर आरोप
ईडी ने स्पेशल कोर्ट में पूरक चालान पेश करते हुए आईएएस रानू साहू व पति जेपी मौर्य पर गंभीर आरोप लगाया है। पेश चालान में आरोप लगाया है कि आईएएस जेपी मौर्य अपनी पत्नी आईएएस रानू साहू के साथ मिलकर काम करते थे और कोल लेव्ही स्कैम में बराबर के साझेदार और राजदार भी हैं। कोल लेव्ही स्कैम में आईएएस रानू साहू, राज्य सेवा संवर्ग की अफसर सौम्या चौरसिया और किंगपिन सूर्यकांत तिवारी जेल में बंद हैं।
पूरक चालान में ईडी ने इनको बनाया आरोपी
IAS जयप्रकाश मौर्य, हेमंत जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, एडवोकेट पीयूष भाटिया, कोल फर्म के मालिक जोगिंदर सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, पारिख कुर्रे व राहुल सिंह।
ईडी के चालान में हेमंत और वीरेंद्र की ओर गंभीर इशारा
ईडी ने पूरक चालान में आरोप लगाया है कि हेमंत और वीरेंद्र अवैध कोल लेव्ही में लगातार सक्रिय रहे हैं। पारिख और राहुल कोल लेव्ही के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के इशारे पर काम करते थे। ये दोनों सूर्यकांत तिवारी के विश्वस्त रहे हैं। ईडी ने चालान में साफ किया है कि ये कोल लेव्ही वसूलते थे और सिंडिकेट से जुड़े लोगों को सूर्यकांत के कहने पर हिस्से की रकम पहुंचाते थे। ईडी ने रामगोपाल, पीयूष भाटिया और जोगिंदर सिंह की घोटाले में बड़ी भूमिका निभाने का आरोप लगाया है।
क्या है कोल लेव्ही घोटाला
छत्तीसगढ़ में कोल लेव्ही घोटाले का पर्दाफाश ईडी की जांच में सामने आया है। ईडी का दावा है कि ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को जानबुझकर ऑफलाइन किया गया। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था। यह परमिट कोल परिवहन में कोयला कारोबारियों से लिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को बताया है। खनिज विभाग से पिट और परिवहन पास उसी कारोबारी को दिया जाता था जो 5 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत तिवारी के कर्मचारियों के पास जमा कराते थे।