CG Bharatmala Compensation Scam: 1000 करोड़ के इस भ्रष्टाचार के लपेटे में आएंगे डेढ़ दर्जन भर से अधिक IAS, IPS और पॉलीटिशियन, करप्शन पर सरकार का सबसे बड़ा फैसला

CG Bharatmala Compensation Scam: 1000 करोड़ के इस भ्रष्टाचार के लपेटे में आएंगे डेढ़ दर्जन भर से अधिक IAS, IPS और पॉलीटिशियन, करप्शन पर सरकार का सबसे बड़ा फैसला

CG Bharatmala Compensation Scam: रायपुर। अभनपुर के भारतमाला मुआवजा स्कैम की अनुगूंज ऐसी हुई कि विष्णुदेव सरकार ने पूरे प्रदेश में मुआवजा घोटाले की जांच करने का फैसला ले लिया है। सरकार के इस फैसले से नौकरशाही से लेकर राजनेता हतप्रभ हैं। जाहिर है, इसमें कई जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधिकारियों के साथ नेताओं के गर्दन फंसेंगे। कोरबा, धमतरी, कांकेर, राजनांदगांव, जांजगीर जैसे कई जिलों के अफसरों ने इस बहती गंगा में जमकर हाथ धोए। कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों ने अपने नाते-रिश्तेदारों, नौकर-चाकर के नाम पर जमीनों के टुकड़े कर आठ गुना मुआवजा हथिया लिया। कोरबा के एक बड़े जनप्रतिनिधि ने तो मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों के नाम पर जमीनें खरीद उसके टुकड़े किए और फिर करोड़ों रुपए ले लिया।

बता दें, एनपीजी न्यूज ने अभनपुर के भारतमाला मुआवजा घोटाले का सबसे पहले पर्दाफाश किया था। इसके बाद सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को सस्पेंड किया। फिर ईओडब्लू जांच का ऐलान हुआ। सरकार का लेटर ईओडब्लू को जाता, इससे पहले सरकार में बैठे लोगों की नोटिस में ये बात आई कि राज्य में जहां-जहां से भारतमाला परियोजना की सड़कें निकली है, उन इलाकों में मुआवजा का बड़ा स्कैम हुआ है। इसमें कलेक्टर, एसपी, मंत्री, विधायकों की भी सहभागिता रही है। लिहाजा, सरकार ने इसका वृहत्त स्तर पर जांच का निर्णय किया।

राजस्व विभाग ने सभी पांचों संभाग आयुक्तों को पत्र लिख 15 दिन के भीतर भारतमाला परियोजना में गड़बड़ियों की पूरी रिपोर्ट मांगी है। समस्त संभागायुक्तों को भेजे आदेश में राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना के अंतगर्त प्रस्तावित सड़क राज्य के निम्न जिलों रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर होकर गुजर रही है। शिकायतों की जांच में भूअर्जन की कार्यवाहियों में व्यापक अनियमितता पाई गई है।

राजस्व सचिव ने कहा है कि 15 दिन में इसकी जांच कर विस्तृत जानकारी अपने वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। जांच के लिए पांच बिंदु दिए गए हैं। क्या मुआवजे की लालच में जमीनों के टुकड़े किए गए, अधिसूचना जारी होने के बाद खसरे का बटांकन किया गया, फर्जी नामंतरण और बंटवारा पत्रक तैयार किया गया, जैसे और कई अहम प्वाइंट हैं।

कमिश्नरों ने राजस्व सचिव का पत्र मिलने के बाद एक्शन में आते हुए कलेक्टरों को दिशानिर्देश जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ का अब तक का ये सबसे बड़ा स्कैम होगा, जिसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों के साथ ही कांग्रेस, भाजपा समेत सभी पार्टियों के नेताओं ने भूअर्जन की आड़ में करोड़ों रुपए का अर्जन किया।

एनपीजी लगातार:- भारतमाला परियोजना में 324 करोड़ के मुआवजा घोटाले का एनपीजी न्यूज ने सबसे पहले भंडाफोड़ किया। एनपीजी ने इससे संबंधित दर्जन भर खबरें लगातार प्रकाशित किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस पर विधानसभा के बजट सत्र में सवाल भी लगाया। देखिए, एनपीजी की प्रकाशित खबरों का लिंक….

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