CG Aushman Yojana: इन 15 अस्पतालों को आयुष्मान से किया गया बाहर, 8 को निलंबित, 5 को मिली चेतावनी, देखिए हेल्थ डायरेक्टर का आदेश

CG Aushman Yojana: रायपुर। आयुष्मान योजना में गड़बड़ियां करने वाले अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। कार्रवाई इसलिए बड़ी मानी जा रही कि जांच के नाम पर खानापूर्ति नहीं हुई है बल्कि बड़े-बड़े अस्पतालों को भी नहीं बख्शा गया है।
ज्ञातव्य है, हेल्थ सिकरेट्री के निर्देश पर डायरेक्टर हेल्थ डॉ0 प्रियंका शुक्ला ने अस्पतालों का औचक निरीक्षण कराने के लिए जांच टीमें बनाई थी। जांच दल में स्वास्थ्य विभगा के ऐसे अधिकारियों को रखा गया, जिनकी छबि साफ-सुथरी हो और वे बड़े अस्पतालों के प्रभाव में न आएं।
जांच में व्यापक खामियां मिली। कई अस्पताल बिना डॉक्टर के मिले। तो बिलासपुर के मार्क अस्पताल निरीक्षण के समय एमबीबीएस डॉक्टर के बजाए आयुर्वेदिक डॉक्टर मिले।
जिन अस्पतालों में कार्रवाई हुई, उनमें जांच टीम को तीन चीज कॉमन मिली। पहला आयुष्मान योजन के मरीजों से कैश में पैसा लिया जाना। दूसरा, डॉक्टरों की कमी और तीसरा, सभी अस्पतालों में पैथो की रिपोर्ट स्केन्ड सिग्नेचर वाली पाई गई।
रजिस्टर में फर्जी इंट्री
जांच में गंभीर खुलासा हुआ कि अस्पताल संचालक रजिस्टर में मरीजों की संख्या ज्याद इंट्री किए थे मगर अस्तपाल में उतने मरीज मिले नहीं। याने ज्यादा मरीज दिखाकर आयुष्मान योजना को चूना लगाया गया।
15 अस्पताल आयुष्मान से बाहर
स्वास्थ्य संचालक डॉ0 प्रियंका शुक्ला ने गंभीर गड़बड़ियों वाले इन 15 अस्पतालों को आयुष्मान योजना से बाहर कर दिया है। याने उन्हें राज्य सरकार के इम्पेनल सूची से बाहर कर दिया है। इनके नाम इस प्रकार हैं…
1. श्री मंगला हॉस्पिटल बिलासपुर
2. मोरे हॉस्पिटल रायपुर
3. गुडविल मेडिकल साइंस रायपुर
4. अग्रवाल हॉस्पिटल रायपुर
5. स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल भिलाई
6. मार्क हॉस्पिटल बिलासपुर
7. एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर दुर्ग
8. रामकथा हॉस्पिटल रायपुर
9. श्री कृष्णा हॉस्पिटल बिलासपुर
10. महादेव हॉस्पिटल बिलासपुर
11. एसएमसी हेल्थ इंस्टीट्यूट एंड आईवीएफ़ रिसर्च सेंटर रायपुर
12. कान्हा चिल्ड्रन हॉस्पिटल रायपुर
13. नोबल मेडिकेयर एण्ड रिसर्च सेंटर बिलासपुर
14. हाई टेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दुर्ग
15. श्री श्याम हाॅस्पिटल रायपुर
4 अस्पताल 6 माह के लिए सस्पेंड
स्वास्थ्य विभाग ने चार अस्पतालों को छह महीने के लिए आयुष्मान योजना का पंजीयन निलंबित कर दिया है। नाम इस प्रकार हैं…
1. रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर
2. श्री साईं हॉस्पिटल बिलासपुर
3. मातृ स्मृति हॉस्पिटल रायपुर
4. पल्स हॉस्पिटल दुर्ग
4 अस्पताल 3 माह के लिए सस्पेंड
डायरेक्टर हेल्थ प्रियंका शुक्ला ने चार अस्पतालों को तीन महीने के लिए आयुष्मान योजना का पंजीयन निलंबित किया है। नाम इस प्रकार हैं…
1. आरोग्य हॉस्पिटल रायपुर
2. आराध्या हॉस्पिटल यूनिट ऑफ आराध्या हेल्थ केयर बिलासपुर
3. जुनेजा आई हॉस्पिटल बिलासपुर
4. शिव शक्ति हॉस्पिटल बिलासपुर
5 अस्पतालों को चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने कम गड़बड़ियां वाले इन पांच अस्पतालों को चेतावनी लेटर जारी किया है। इनके नाम इस प्रकार हैं…
1. अशोक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर
2. बालको मेडिकल सेंटर, रायपुर
3. श्री शिशु भवन, बिलासपुर
4. श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दुर्ग
5. यशोदानंदन चिल्ड्रन हॉस्पिटल, दुर्ग
PDF ओपन कर देखिए स्वास्थ्य संचालक का अलग-अलग अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश…
आयुष्मान योजना में पंजीकृत निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और फर्जीवाड़े पर विष्णु देव सरकार सख्त कदम उठा रही है। विष्णु के सुशासन में अब मेडिकल माफियाओं की खैर नही है। जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने विष्णु सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों पर कार्यवाही में लग गया है। आयुष्मान भारत मे अस्पतालो कि शिकायत रहती है कि पेमेंट सही समय और उच्ची अप्रोच पर ही हो पाता था, विष्णुदेव सरकार के निर्देशानुसार अब फीफा के माध्यम से फर्स्ट कम फर्स्ट आउट के आधार पर पेमेंट किया जा रहा। अब अस्पतालो को पेमेंट के लिए कोई जुगाड़ लगाना नही पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्यवाही की है और लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य नोडल एजेंसी ऋतुराज रघुवंशी ने प्राप्त हो रही शिकायतों पर जिला स्तर पर जिला शिकायत निवारण समिति (DGRC) तथा राज्य स्तर पर राज्य शिकायत निवारण समिति (SGRC) में निराकरण कर रहे है और शिकायत सही पाए जाने पर जुर्माना और ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जा रही है। शिकायतों पर राज्य एवं जिला स्तरीय निरीक्षण टीम के द्वारा नियमित रूप से योजना की समीक्षा की जाती है। इसी क्रम में राज्य के 30 पंजीकृत अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
आयुषमान योजना के द्वारा ईलाज हेतु भर्ती मरीजों से 104 आरोग्य सेवा के द्वारा फीडबैक भी ली जा रही है। जिसमें मरीजों से अतिरिक्त राशि लिए जाने, उपचार में कोई शिकायत, अस्पताल में साफ सफाई के साथ साथ चिकित्सक तथा स्टाफ़ के व्यवहार संबंधी जानकारी है। ऐसे अस्पताल जिनके द्वारा अतिरिक्त राशि लेने की पुष्टि हुई है उसके विरुद्ध अर्थदंड की कार्यवाही की जा रही है। कुछ अस्पताल हेल्थ पैकेज कोड के विपरीत क्लेम बुक किये है ऐसे क्लेम को निरस्त या आंशिक भुगतान की गई है। मरीज जिनका इलाज ओ पी डी में की जा सकती है उन मरीजों को आई पी डी के रूप में भर्ती कराया जाता है ऐसे अस्पताल के विरुद्ध भी गाइडलाइन के अनुसार सख्ती से कार्यवाही निरंतर जारी है। जिले के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है कि जिला स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सक की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए । जिन अस्पताल में एक ही प्रकार के क्लेम की संख्या अधिक रिपोर्ट की जा रही हो वहां स्थल निरीक्षण भी की जा रही है और भर्ती मरीज से सीधे जानकारी ली जाकर कार्यवाही शामिल हैं।
विभिन्न माध्यमों में प्राप्त शिकायतों के आधार पर रायपुर जिले के 11 बिलासपुर 9 तथा महासमुंद , बलौदाबाजार ,कोंडागांव, दुर्ग के अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए गए है।
रायपुर: अशोका सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल , सी आई एम् टी हास्पिटल , हेरिटेज अस्पताल , मित्तल इंस्टीट्यूट, सत्यम अस्पताल , दानी केयर , श्री राम मल्टी स्पेशिलिटी, कालडा बर्न एवं प्लास्टिक सेंटर , अंकुर अस्पताल , न्यू वंदना अस्पताल , साईं समर्थ अस्पताल
बिलासपुर: स्टार चिल्ड्रन अस्पताल, सराफ ई एन टी अस्पताल , प्रभा हास्पिटल एवं ट्रामा केयर, ओंकार अस्पताल , केयर एवं क्योर अस्पताल, आरबी इंस्टीट्यूट, यशोदा अस्पताल, आर बी अस्पताल , किम्स अस्पताल
दुर्ग: कृष्णा अस्पताल दुर्ग
महासमुंद: जय पताई माता अस्पताल , श्री राम अस्पताल, श्री उत्तम साईं केयर हास्पिटल जिला महासमुंद
कोंडागांव: एकता हॉस्पिटल, शिव अमृता अस्पताल कोंडागांव
सारंगढ़: दक्ष अस्पताल बिलाईगढ़ जिला सारंगढ़
गरियाबंद: माँ यशोदा अस्पताल गरियाबंद
आरोग्यम सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल पर 11 लाख 41 हजार जुर्माना
आरोग्यम सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल, दुर्ग द्वारा आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नियम विरुद्ध किये गये कार्यों की जांच की गई हितग्राहियों से अतिरिक्त नगद राशि लिए जाने की पुष्टि की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के दिशा निर्देश रुपये 2 लाख 28 हजार की पांच गुना राशि रुपये 11लाख 41 हजार का अर्थदण्ड लगाया गया। साथ ही भविष्य में पुनरावृत्ति करने पर निलंबन की कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई।
जय तुलसी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल 3 महीने के लिए योजना से निलंबित
आयुष्मान भारत जन अरोग्य योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पताल जय तुलसी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल स्टेडियम रोड बसंतपुर, राजनांदगांव के विरुद्ध हीरालाल साहू के शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजनांदगांव द्वारा जांच समिति गठित किया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अस्पताल के द्वारा मरीज को जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था परंतु आयुष्मान कार्ड से आई.सी.यू का पैकेज रेट अनुसार राशि की कटौती की गई। इसके अतिरिक्त मरीज से अस्पताल में भर्ती के समय ओ.पी.डी. पंजीयन के दौरान तीन हजार रूपये नगद राशि ली गई। नियमानुसार यह राशि मरीज को वापस किया जाना था किन्तु नहीं किया गया। अस्पताल द्वारा किये गये उक्त कृत्य योजना के नियमों का उल्लंघन की श्रेणी में पाये जाने पर उक्त अस्पताल को 03 माह के लिए योजना से निलंबित किये जाने की अनुशंसा किया गया। अतः राज्य नोडल एजेंसी के द्वारा इस आशय का आदेश प्रसारित किया गया एवं यह भी निर्देशित किया गया कि मरीज से ली गई नगद राशि वापस की जावे।
यह है आयुष्मान भारत योजना
गरीब और जरूरतमंद लोगों को अच्छे एवं आधुनिक अस्पतालों में ईलाज की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना अंतर्गत् चिन्हांकित श्रेणी के परिवार, अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवारों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा, आयुष्मान कार्ड के जरिए हर वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रूपए तक निःशुल्क ईलाज प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य के बाकी राशन कार्डधारी परिवारों को राज्य सरकार शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रति परिवार 50 हजार रूपए तक ईलाज मुफ्त ईलाज की सुविधा दे रही है।
फर्जीवाड़ा करने वालों पर जुर्म दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा कर लाखों करोड़ों का घोटाला करने वाले 30 से अधिक अस्पतालों को महज जुर्माना लगा कर क्यों छोड़ा जा रहा है? सोशल एंड आरटीआई एक्टविस्ट कुणाल शुक्ला ने कहा कि सवाल यह है कि पुलिस में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई जा रही है? मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले रसूखदारों पर एफआईआर नहीं करवाने के लिए किसका दबाव है?क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है इसलिए पुलिसिया कार्यवाही से बचा जा रहा है? मरीजों और सरकार के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले 30 से अधिक रसूखदार अस्पतालों के संचालकों पर जुर्म दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए।