CG Assembly Winter Session: आदिवासी बच्‍चों की मौत पर सदन में घमासान: 25 से 30 बच्‍चों की मौत के आरोप पर मंत्री ने सदन में की बड़ी घोषणा

CG Assembly Winter Session: आदिवासी बच्‍चों की मौत पर सदन में घमासान: 25 से 30 बच्‍चों की मौत के आरोप पर मंत्री ने सदन में की बड़ी घोषणा

CG Assembly Winter Session: रायपुर। आदिवासी क्षेत्रों में स्थित आश्रम छात्रावास और पोटा केबिन में बच्‍चों की मौत का मामला आज सदन में उठा। प्रश्‍नकाल में इस मुद्दों पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने विभागीय मंत्री रामविचार नेताम को घेरा। कांग्रेस विधायकों ने सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। इस पर मंत्री नेताम ने सदन में पूरे मामलों की जांच की घोषणा की। नेताम ने कांग्रेस सदस्‍यों से कहा कि आप लोग लिखकर दे दें, पूरी जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

आदिवासी बच्‍चों की मौत का यह मामला प्रश्‍नकाल में कांग्रेस विधायक बघेल लखेश्‍वर ने उठाया। उनके प्रश्न के लिखित उत्‍तर में मंत्री ने बताया कि 12 महीने में आश्रम-छात्रावास और पोटा केबिन में अलग-अलग कारणों से 14 बच्‍चों की मौत हुई है। विभाग की तरफ से दी गई इस जानकारी पर आपत्‍ति‍ करते हुए बघेल ने बताया कि एक वर्ष में 25 से 30 बच्‍चों की मौत हो चुकी है। इसकी पूरी सूची है। उन्‍होंने पूछा कि इस तरह की गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों और आदिवासी बच्‍चों की मौत के लिए जिम्‍मेदाार लोगों पर क्‍या कार्रवाई की जाएगी।

विक्रम मंडावी और कवासी लखमा ने भी सरकार के उत्‍तर पर आपत्‍ति‍ की। लखमा ने बताया कि इसी महीने 16 तारीख को एक बच्‍ची की भूख से मौत हो गई। वह तीन दिन से भूखी थी। इसके लिए जिम्‍मेदा लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

मंत्री नेताम ने कहा कि यह आदिवासी मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली सरकार है। सरकार अनुसूचित जाति के विकास और कल्‍याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने बताया कि बच्‍चों की मौत के मामले में विभागीय अफसरों और कलेक्‍टर को निर्देश जारी किया गया है। बच्‍चों की नियमित स्‍वास्‍थ्‍य जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि यदि आप लोगों के पास कोई जानकारी या शिकायत है, तो लिखित में दे दिजीए, निश्चित रुप से उसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले बघेल ने कहा कि विभाग मौत के आंकड़ों में गुमराह कर रहा है। आप सुशासन की बात कर रहे हैं आदिवासी बच्‍चे छात्रावास में सुरक्षित नहीं है। यह कैसा सुशासन है। आदिवासी के राज में आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है।

नेताम ने कहा कि आप आरोप लगा रहे हैं किसी पर भी आरोप लगा सकते हैं। 14 की सूची दिए हैं। 14 के अतिरिक्‍त किसी की मृत्‍यु जांच करा देंगे। हमारी सरकार में लोगों का भरोसा है। एक साल में हमने आपने बिागड़ा था उसे बना रहे हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पहले ही साल में इतनी हत्‍याएं हो रही है। जाकर देख लीजिए। आपके स्‍कूल के शिक्षक उदंड क्‍यों हो रही है। उन्‍होंने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की।

कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि बीजापुर में 6 महीने में 10 बच्‍चे की मौत हुई है। 5 की मलेरिया से मौत हुई है। प्रशासन के सामने बात रखा है, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। सावित्री मंडावी ने कांकेर आईटीआई में बच्‍चों को लाइन में खड़ा कराके थप्‍पड़ मारे जाने की घाटना का उल्‍लेख करते हुए कार्रवाई की मांग की। मंत्री ने कहा कि सरकार इन मामलों में पूरी तरह गंभीर है। जो भी होगा तत्‍काल कार्रवाई करेंगे।

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