Bilaspur News: बिलासपुर नगर निगम- कांग्रेस की 46 टिकट फाइनल, पैनल में फंसे 24 वार्डों के दावेदार

Bilaspur News: बिलासपुर नगर निगम- कांग्रेस की 46 टिकट फाइनल, पैनल में फंसे 24 वार्डों के दावेदार

Bilaspur News: बिलासपुर। सत्ताधारी दल भाजपा व प्रमुख विपक्षी कांग्रेस में महापौर से लेकर पार्षदों के टिकट को लेकर लगातार मंथन जारी है। कांग्रेस ने इस बार वार्डों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। पर्यवेक्षक वार्डों में पहुंचकर दावेदारों के साथ ही वार्ड के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से चर्चा का एक दौर पूरा कर लिया है। भाजपा की लाइन कुछ अलग चल रही है। संभागीय भाजपा कार्यालय बिलासपुर में संभाग के पदाधिकारियों,दावेदारों और चुनाव कमेटी से सीधी चर्चा के बाद सिंगल के अलावा नामों का पैनल प्रदेश कार्यालय को सौंप दिया है। दोनों ही दलों में कमोबेश कुछ इसी तरह की स्थिति है। एनपीजी ने दो दिन पहले भाजपा के वार्ड पार्षदों के उम्मीदवारों की संभावित सूची जारी की थी। 15 से 20 वार्ड ऐसे हैं जो दो या फिर तीन नामों का पैनल है। कांग्रेस में 46 नाम तय माने जा रहे हैं। 24 वार्ड के दावेदार पैनल में फंसे हुए हैं। इनका फैसला रायपुर से होना है।

 भाजपा की अपनी रणनीति

प्रदेश भाजपा ने पार्षद से लेकर महापौर,नगरपालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों की उम्मीदवारी के लिए मापदंड तय कर दिया है। मेयर से लेकर नगरपालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी करने वाले रोल बैक करते हुए पार्षद की दावेदारी नहीं करेंगे।आमतौर पर होता ये है कि बड़े पदों पर राजनीतिक समीकरण फिट ना बैठ पाने के कारण फिर दावेदार रोल बैक करते हुए पार्षद की टिकट पर आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में बड़े पद से छोटे पद के लिए दावेदारी करने में उनका अपना प्रभाव सामने आ जाता है और वार्ड का कार्यकर्ता चूक जाता है। लिहाजा इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। महापौर से लेकर अध्यक्ष की दावेदारी में चूकने के बाद चुप बैठना होगा। या फिर पार्षद पद की दावेदारी करने की स्थिति में उनकी दावेदारी पर कमेटी विचार ही नहीं करेगी।

 दूसरे वार्ड में कूदने की मनाही

भाजपा के दूसरे और कड़े मापदंड पर नजर डालें तो आरक्षण या फिर अन्य किसी कारणों से अगर संबंधित वार्ड का पार्षद या दावेदार अपने वार्ड में दावेदारी नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरे वार्ड में उनको एडजस्ट नहीं किया जाएगा। आरक्षण के चलते उसी वार्ड के कार्यकर्ताओं को अवसर मिलेगा जो लगातार अपने वार्ड में संगठन का कामकाज करते आ रहे हैं। वार्ड से ही शहर सरकार के लिए नेता तय किए जाएंगे।

 जिन वार्डों में भाजपा की स्थिति कमजोर वहां ऐसी रणनीति

सर्वे के बाद यह बात भी सामने आई है कि बिलासपुर नगर निगम के अंतर्गत 15 ऐसे वार्ड हैं जहां भाजपा की स्थिति कमजोर रहते आई है। ये ऐसे वार्ड हैं जहां भाजपा लगातार चुनाव हारते आ रही है। इन वार्डाें में शहर के प्रभावशाली कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। इन वार्डों के लिए मापदंड से परे उम्मीदवारी तय की जाएगी। लक्ष्य वार्ड में भाजपा का परचम फहराना रहेगा।

 कांग्रेस इस रणनीति पर कर रही काम

वार्डों के लिए कांग्रेस ने सीनियर लीडरों की टीम बनाकर पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी सौंपी है। सीनियर लीडर अपने प्रभार वाले वार्डों में बैठक लेकर दावेदारों के अलावा कार्यकर्ताओं,पदाधिकारियों और मोहल्ले के ऐसे लोगों जो कांग्रेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ ही नरम रूख रखते हैं रायशुमारी कर रहे हैं। रायशुमारी, पदाधिकारियों की बातों को सुनने के अलावा कार्यकर्ताओं से उनकी अपनी पसंद भी पूछ रहे हैं। मसलन इस बार कांग्रेस चौतरफा संतुष्ट होने के बाद ही उम्मीदवारी तय करेगी। इसी रणनीति पर काम करते हुए शहर व जिला कांग्रेस कमेटी ने सिंगल नामों के अलावा जिन वार्डाें में सामंजस्य की स्थिति नहीं बन पाई है उन वार्डाें के लिए दो या फिर तीन नामों का पैनल बना दिया है।

 ये हैं सिंगल नाम, जिनकी टिकट तकरीबन फाइनल

अमित भारते, बजरंग सूर्यवंशी, लक्ष्मी साहू, श्याम नारायण सर्वे, कल्याणी दाहिर, सुधा गोपाल सिंह,मनहरण कौशिक, पुष्पेंद्र साहू, हीरा यादव, नागेश ध्रुव विजय टोप्पो, अनिता हिमांशु कश्यप, सीमा धृतेश्च, भास्कर यादव, भरत कश्यप, शाहिद कुरैशी, असगरी बेगम, सन्तोषी बघेल, तैय्यब हुसैन, सुषमा साहू, प्रशांत पांडेय, अमन साहू, शेख असलम, अजय यादव, संदीप बाजपाई, सीमा पाण्डेय, तजम्मुल हक, सुनीता नामदेव गोयल, शहजादी कुरैशी, देवाशीष घोष,ओम कश्यप, परदेशी रॉज, इब्राहिम खान अब्दुल,बालचंद साहू, दिलीप पाटिल, बजरंग बंजारे, रजनी साहू, विजय रामप्रसाद साहू, अनिता ध्रुव, सीमा शुक्ला, पूर्णा नंद चंद्रा, धनंजय यादव, विनय पिंकू पांडेय, योगिता आनंद श्रीवास व अभिलाष रजक।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share