Bilaspur News: श्रीकांत वर्मा के शहर से एक और पत्रकार का कविता की ओर कदम बढ़ाना उनकी पीढ़ी को आगे बढ़ाना है-अविनाश मिश्र…

Bilaspur News: श्रीकांत वर्मा के शहर से एक और पत्रकार का कविता की ओर कदम बढ़ाना उनकी पीढ़ी को आगे बढ़ाना है-अविनाश मिश्र…

Bilaspur News: बिलासपुर। श्लोक ध्वनि फाउंडेशन के कार्यक्रम में डॉ विश्वेश ठाकरे की किताब ‘पंखों पर लिखी आयतें’ पर चर्चा एवं कवितापाठ का आयोजन हुआ। प्रार्थना भवन जल संसाधन विभाग में रविवार रात्रि आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली से आये प्रतिष्ठित कवि,उपन्यासका एवं हिन्दवी व सदानीरा के संपादक अविनाश मिश्र ने कहा कि विश्वेश की कविताओं में पवित्रताबोध केंद्र में है।

इस संग्रह में पर्यावरण की चिंताएं, नई पीढ़ी को प्रकृति से जोड़ पाने की चिंताएं, झीने रिश्तों में जीवन का मर्म,विकास के सिक्के का दूसरा पक्ष,पारिवारिक और कामकाजी संबंधों के पक्षों को सहजता के साथ कवि ने शब्दों में पिरोया है। कवि का यह पहला संग्रह वैविध्यपूर्ण है।श्रीकांत वर्मा के शहर से एक और पत्रकार का कविता की ओर कदम बढ़ाना उनकी पीढ़ी को आगे बढ़ाना है। उन्होंने संग्रह की एक कविता उसने नहीं देखी है नदी …की इन पंक्तियों कि बेटी से देखी नहीं गई बेचैनी, पूछने लगी पापा कितने बॉटल पानी से बन जायेगी नदी पर कहा की हालत यह हैं कि आने वाली पीढ़ी पानी का श्रोत भूल जायेगी और पानी को सिर्फ बोतलों में ही देखेगी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रतिष्ठित कवि,कथाकार रामकुमार तिवारी ने कहा कि कविता हमारी भाषा मे हमारा मानवीकरण करती है।कविता स्वमेव हमारी चेतना से घटित होती है।इसे श्रम करके प्राप्त नहीं किया जा सकता।नवीनता घटित होती है श्रम से दोहराव आता है।भारत मे लोगों को चेहरा पढ़ना आता है इस दार्शनिकता को विश्वेश की कविता अनपढ़ दाई में देखकर मैने उनके सहज कवि चेतना की गहराई समझी। इस कविता में कहा गया है

सोचता हूं…मां कहती है

अनपढ़ है दाई, तो…

कैसे पढ़ लेती है सबका दुख

कैसे पढ़ लेती है सबकी जरूरतें

कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों के स्वागत और कुमार पांडेय के स्वागत भाषण से हुआ। डॉ विश्वेश ठाकरे की प्रथम कविता संग्रह ‘पंखों पर लिखी आयतें’ का विमोचन अविनाश मिश्र,राम कुमार तिवारी,शहर विधायक अमर अग्रवाल,कलेक्टर अवनीश शरण, हरिभूमि के संपादक प्रवीण शुक्ला ने किया। फिर विश्वेश ने अपनी कविताओं का पाठ किया।उन्होंने मिट्टी का मन,उसने नहीं देखी नदी,पिता,बच्चे बड़े हो गए हैं, तितलियाँ आती थीं आंगन में, कचरा पेटी, सिग्नल पर खड़े बच्चे कविताओं के पाठ से सभी को भाव विभोर कर दिया।

श्लोक ध्वनि फाउंडेशन के संस्थापक सुमित शर्मा और कुमार ने बताया कि फाउंडेशन द्वारा निरन्तर साहित्यिक,सांस्कृतिक आयोजन किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों कलाकारों के शहर में आने से युवाओं को उनसे सीधे संवाद का मौका मिल रहा है। कार्यक्रम में महाराष्ट्र मंडल बिलासपुर की ओर से अध्यक्ष मोहन देव पुजारी, समीर भुरंगी, विवेक दांडेकर और उर्वशी सातारकर ने विश्वेश ठाकरे का सम्मान किया।

विवेक जोगलेकर ने कार्यक्रम का प्रभावपूर्ण संचालन किया।कार्यक्रम में बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला,कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव,गौरव शुक्ल कुलपति सी वी रामन वि वि ,अशोक अग्रवाल ,सतीश जायसवाल, हर्ष पाण्डेय, यशवंत गोहिल, डॉक्टर आर के शर्मा,संजय दुबे, सुरेन्द्र तिवारी, विवेक बाजपेई, देवेंद्र यादव, अजय पाठक, ज्योति दुबे, पूजा पाण्डेय, पूनम सिंह, हर्षिता, श्रुति प्रभला, पूर्णिमा सिंह सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार, कविताप्रेमी, विद्यार्थियों और शहरवासियों कि Jo रही।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share