Bilaspur Mission Hospital: मिशनरी कब्जे के अस्पताल को जमींदोज करने प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई शुरू…

Bilaspur Mission Hospital: मिशनरी कब्जे के अस्पताल को जमींदोज करने प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई शुरू…

Bilaspur Mission Hospital: बिलासपुर। मिशन अस्पताल का लीज 1994 लीज खत्म होने के बाद प्रबंधन ने 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवा। बगैर नवीनीकरण अस्पताल के नाम पर व्यावसायिक उपयोग करने लगे। प्राइम लोकेशन की सरकारी जमीन को किराए पर चढ़ा दिया। चौपाटी बनाने के साथ ही लाखों रुपये किराया वसूलने लगे। तय नियमों व शर्तों का उल्लंघन करने के चलते जिला प्रशासन ने कब्जे की कार्रवाई प्रारंभ की। हाई कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को जिला प्रशासन ने मिशनरी के कब्जे वाले अस्पताल को जमींदोज करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। मिशन अस्पताल कैम्पस के भीतर बने भवनों को जमींदोज करने नगर निगम का अमला सुबह से ही जुटा हुआ है। पुलिस बल की मौजूदगी में कैम्पस के भीतर बने भवनों को ढहाया जा रहा है।

बता दें कि मिशन अस्पताल के लीज धारकों की अपील कमिश्नर न्यायालय से निरस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल परिसर के अलावा आसपास के जमीनों पर कब्जा कर लिया था। कैम्पस के मुख्य गेट पर जिला प्रशासन कीओर से नोटिस चस्पा कर दिया गया था।

शहर के बीचो-बीच और प्राइम लाकेशन पर स्थित मिशन अस्पताल की जमीन के स्वामित्व को लेकर कमिश्नर कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। कमिश्नर कोर्ट ने लीज धारकों की अपील खारिज कर दी थी। कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल और पूरी जमीन को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया था।

मिशन अस्पताल के लीज का मामला काफी चर्चाओं में रहा था। यह जमीन प्राइम लोकेशन में स्थित है। जिसे सेवा के नाम से 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। लीज पर जमीन लेकर डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ा दिया और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपये कमाने लगे थे। कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था।

लीज की शर्तों का किया उल्लंघन

लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। जब रिकॉर्ड मंगवाए गए तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन 1966 में लीज का नवीनीकरण कराते हुए इसे 1994 तक के लिए बढ़ाई गई थी। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी। लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। लीज धारकों ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग करने लगे और लाखों रुपये किराए भी वसूल करने लगे थे।

एक फर्जीवाड़ा यह भी आया सामने

जांच के दौरान यह भी पता चला कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी लीजधारक कब्जे छोड़ने को तैयार नहीं थे। कारण भी साफ था। प्राइम लोकेशन की जमीन को सेवा की आड़ में कब्जा करने की नियत और किराए पर देकर हर महीने लाखों रुपये कमाने की योजना को यूं ही आगे बढ़ाते रहना था।

कमिश्नर एक्का ने पलटा आदेश, तबादले की मिली सजा

जिला प्रशासन द्वारा किए गए अधिग्रहण के खिलाफ लीज धारकों ने पूर्व कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का के कोर्ट में अपील पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद कमिश्नर एक्का ने नाटकीय तरीके से पूर्व के आदेश पर रोक लगाते हुए लीजधारकों के पक्ष में फैसला सुना दिया और इस पर स्टे कर दिया। कमिश्नर के इस फैसले से सरकार नाराज हो गई। एक महीने के भीतर ही कमिश्नर एक्का को हटाने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया। एक्का को हटाते हुए रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे को बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। मामला कावरे के कोर्ट में लगा। मामले की सुनवाई के बाद पूर्व कमिश्नर के आदेश को खारिज कर दिया। कमिश्नर कोर्ट के 30 अक्टूबर के आदेश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बुधवार को कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।

यह है मामला:–

मिशन अस्पताल की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आवंटित की थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पुलिस की नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे इसे कमाई का माध्यम बना लिया गया था। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवाया गया था।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share