Bilaspur High Court: सारंगढ़ उप जेल में कैदियों से जेल कर्मियों ने की थी आनलाइन वसूली, तीन अप्रैल तक शासन को हाई कोर्ट में पेश करना होगा जवाब

Bilaspur High Court: सारंगढ़ उप जेल में कैदियों से जेल कर्मियों ने की थी आनलाइन वसूली, तीन अप्रैल तक शासन को हाई कोर्ट में पेश करना होगा जवाब

Bilaspur High Court बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ उपजेल में पदस्थ जेल कर्मियों ने गजब कर दिया। कैदियों से अवैध उगाही करने में लगे रहे। इसके लिए आनलाइन ट्रांजेक्शन भी कराया। आनलाइन पैसा वसूल करने के बाद धौंस जमाने के लिए मारपीट भी की। अवैध उगाही,मारपीट और जेल कर्मियों की दंबगई का मामला जब हाई कोर्ट पहुंचा तब सुनवाई के दौरान कोर्ट भी यह सुनकर हैरान रह गया है कि कैदियों से अवैध वसूली में जेल कर्मी ही संलिप्त है। दो कैदियों के परिजनों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट के सामने जेल कर्मियों को आनलाइन दिए पैसे का दस्तावेज पेश किया है।

कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने और दोषी जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश बीते सुनवाई में दिया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी पेश की जाएगी। कोर्ट ने राज्य शासन काे शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।

0 10 के खिलाफ चल रही है जांच, एक को किया है दंडित

महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि कैदियों से अवैध वसूली और मारपीट के मामले में 10 कर्मियों के खिलाफ जांच की जा रही है। एक कर्मचारी को दोषी पाए जाने पर दंडित किया गया है। तीन कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीन कर्मियों के मामले में जांच चल रही है।

0 हस्तक्षेप याचिका में भी साथ-साथ हो रही सुनवाई

दीपक और दिनेश चाैहान ने अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के परिजन जेल में बंद है। अवैध उगाही के लिए मारपीट की शिकायत की है। साथ ही आनलाइन बैंक पेमेंट का स्टेटस भी पेश किया है।

0 डिवीजन बेंच की सामने आई सख्ती

जेल में कैदियों से अवैध उगाही और पैसे ना देने वाले कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किए जाने की घटना को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। डिवीजन बेंच की सख्ती भी सामने आई है। कोर्ट ने राज्य शासन से नए सिरे से रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

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