Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अफसरों से कहा-शिवनाथ नदी में गंदा पानी की निकासी हर हाल में हो बंद

Bilaspur High Court : बिलासपुर। शराब कारखाना का प्रदूषित और केमिकलयुक्त खतरनाक पानी सीधे शिवनाथ नदी में बिना शोधन के छोड़ा जा रहा है। डिस्टलरी संचालक की यह लापरवाही आसपास के ग्रामीणों के अलावा मवेशियों और नदी के जीव जंतुओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। बीते सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की नाराजगी भी सामने आई थी। पर्यावरण संरक्षण मंडल की निगेटिव रिपोर्ट और अधिवक्ता के खुलासे के बाद चीफ जस्टिस ने ने कहा था कि अब आप तय करें कि मापदंडों के आधार पर डिस्टलरी का क्या होना चाहिए।
बीते महीने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान पर्यावरण मंडल की ओर से रिपोर्ट पेश करते हुए एडवोकेट अमृतो दास ने बताया था कि डिस्टलरी द्वारा पूर्व में नोटिस के बाद जुर्माना पटाने के साथ गन्दे पानी और केमिकल की निकासी नदी में बंद करने की जानकारी दी थी। अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि केमिकलयुक्त पानी की रिसाइक्लिंग कर दोबारा उपयोग के योग्य बनाने की व्यवस्था डिस्टलरी ने अभी नहीं की है। लिहाजा मंडल पुनः निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। पर्यावरण मंडल की रिपोर्ट के बाद डिवीजन बेंच की नाराजगी सामने आई थी।
चीफ जस्टिस ने मंडल के अफसरों से ये कहा
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पर्यावरण प्रदूषण मंडल के अफसर से पूछा कि नदी में गंदा पानी क्यों और कैसे आ रहा है। डिस्टलरी का प्रदूषित पानी को हर हाल में रोका जाए। प्रदूषित पानी शिवनाथ नदी में छोड़ने पर सख्ती के साथ पाबंदी लगाई जाए। चीफ जस्टिस ने मंडल के अफसर को इसकी निगरानी के साथ ही मानिटरिंग करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई अक्टूबर महीने में होगी। मंडल को अगली सुनवाई के दौरान कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।






