Bihar Teacher News: बिहार में इन शिक्षकों की ट्रांसफर पर लगी रोक, क्या आपका नाम भी है? देखें पूरी लिस्ट

Bihar Teacher News: बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी शिक्षकों के अंतर-जिला ट्रांसफर को लेकर नया नियम लागू किया है। अब शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दो शपथ पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा, जिसमें उनकी जानकारी की सत्यता और आवंटित जिले में काम करने की सहमति दर्ज करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनका स्कूल आवंटन रोक दिया जाएगा। यह नियम ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। आइए जानते हैं इस नए आदेश के तहत क्या-क्या बदलाव हुए हैं और इसका शिक्षकों पर क्या असर होगा।
नया नियम: दो शपथ पत्र अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अंतर-जिला ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल (eshikshakosh.bihar.gov.in) पर दो शपथ पत्र जमा करने होंगे:
- सत्यता शपथ पत्र: शिक्षक को यह लिखना होगा कि उनके द्वारा दी गई जानकारी (जैसे व्यक्तिगत विवरण, वर्तमान पोस्टिंग आदि) पूरी तरह सही है।
- सहमति शपथ पत्र: शिक्षक को यह घोषणा करनी होगी कि वे आवंटित जिले में काम करने के लिए तैयार हैं।
अगर कोई शिक्षक गलत जानकारी देता है या शपथ पत्र जमा नहीं करता, तो उसका ट्रांसफर रद्द कर दिया जाएगा। यह नियम 1 दिसंबर से 15 दिसंबर 2024 तक चली आवेदन प्रक्रिया के बाद लागू किया गया, जिसमें 1,90,000 शिक्षकों ने हिस्सा लिया था।
2151 शिक्षकों को मनपसंद पोस्टिंग
राज्य में सॉफ्टवेयर आधारित ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत 2151 शिक्षकों को उनकी पसंद के जिले में पोस्टिंग दी गई है। इसमें मुजफ्फरपुर के 96 शिक्षकों को उनकी पत्नी के कार्यस्थल के आधार पर मनचाहा जिला आवंटित हुआ है। इन शिक्षकों को 10 से 20 अप्रैल 2025 के बीच नए स्कूलों में योगदान देना होगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह प्रक्रिया मई 2025 तक पूरी हो सकती है, जैसा कि शिक्षा मंत्री ने 4 मार्च को घोषणा की थी।
ट्रांसफर के बाद फिर बदलाव संभव
नए नियम के तहत:
- वरीयता: दूसरे जिले में ट्रांसफर होने वाले शिक्षकों की वरीयता नए जिले में योगदान देने के बाद तय होगी, जो मौजूदा नियमों के अनुरूप होगी।
- पुनः ट्रांसफर: अगर किसी जिले या स्कूल में छात्र-शिक्षक अनुपात असंतुलित होता है, तो शिक्षकों का ट्रांसफर दोबारा किया जा सकता है।
इन शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं
- स्थानीय निकाय शिक्षक: इन शिक्षकों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। अगर गलती से उनका ट्रांसफर हो जाता है, तो जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को इसकी सूचना पोर्टल पर देनी होगी।
- अनुशासनात्मक कार्रवाई: जिन शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच, वित्तीय गड़बड़ी, या अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, उनका ट्रांसफर नहीं होगा। अगर ऐसा हो जाता है, तो डीईओ उन्हें कार्यमुक्त करेगा।
- सक्षमता परीक्षा: भविष्य में ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना और नए स्कूल में योगदान देना जरूरी होगा।
गलत जानकारी का परिणाम
शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि गलत जानकारी देने वाले शिक्षकों का ट्रांसफर कैंसिल कर दिया जाएगा। पिछले साल दिसंबर में 1,90,000 आवेदनों की जांच के बाद विभाग ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला किया। सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली से पारदर्शिता तो बढ़ी है, लेकिन कुछ शिक्षक इसे 2025 विधानसभा चुनाव से पहले का “चुनावी हथकंडा” मान रहे हैं।
कैसे अपलोड करें शपथ पत्र?
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपने टीचर आईडी से लॉगिन करें।
- “Teacher Transfer” विकल्प पर क्लिक करें।
- “Affidavit Upload” सेक्शन में दोनों शपथ पत्र अपलोड करें।
- जानकारी सत्यापित करने के बाद सबमिट करें।
क्या कहते हैं शिक्षक?
कई शिक्षकों का मानना है कि यह नियम उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो जांच या तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। वहीं, मनपसंद पोस्टिंग पाने वाले 2151 शिक्षकों में खुशी की लहर है। क्या यह नियम ट्रांसफर प्रक्रिया को आसान बनाएगा या जटिल करेगा? यह मई 2025 तक साफ हो जाएगा।