Bihar Bridge Collapse: बिहार में क्यों टूट रहे पुल, 15 दिनों में नौ पुल ढहे, चिंता में नीतीश सरकार, अब अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Bihar Bridge Collapse: बिहार में क्यों टूट रहे पुल, 15 दिनों में नौ पुल ढहे, चिंता में नीतीश सरकार, अब अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Bihar Bridge Collapse: पटना: बिहार में मानसून शुरू ही हुआ है. लेकिन कुछ ही दिनों में पुल गिरने की घटनाएं सामने आने लगी है. बुधवार को चार पुल देखते देखते ढह गए. पिछले 15 दिनों में राज्य में नौवीं ध्वस्त हो गयी. पुलों के ढहने से कई गांवों प्रभावित हुए है. कई गाँव में आवागमन ठप हो गया है.

15 दिनों में नौ पुल टूटे 

जानकारी के मुताबिक़, सारण में गंडकी नदी पर बने दोनों पुल ढह गए हैं.एक पूल का निर्माण 2004 हुआ था. तो वहीँ गंडकी नदी पर ही बनाब्रिटिश काल का 100 साल पुराना पूल टूट गया. मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज में भी पूल ध्वस्त हो गए. अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही भरभराकर गिर गया. यह पूल 12 करोड़ की लागत से तैयार हुआ था. 

मुख्यमंत्री ने पुल की घटना पर की बैठक 

लगातार पुल ढहने की घटना ने बिहार सरकार के लिए समस्या बन गयी है. इस सम्बन्ध में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक की. जिसमे नीतीश कुमार ने पथों व पुलों के रखरखाव को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग को निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री ने कहा उद्देश्य केवल बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना ही नहीं बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है. बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अपने-अपने विभागों के पथों तथा पुलों के निर्माण एवं रखरखाव से संबंधित जानकारी दी.

अधिकारियों को दिए निर्देश 

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से बिहार के सभी क्षेत्रों में लगातार विकास के कार्य किये जा रहे हैं। लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये बड़ी संख्या में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है. हमलोगों का उद्देश्य सिर्फ बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने निर्णय लिया था कि पुलों के रखरखाव के लिये मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी जाय. पथ निर्माण विभाग ने पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी बना ली है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को भी पथ निर्माण विभाग के मेंटेनेंस पॉलिसी के अनुरूप शीघ्र मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार करने का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) तैयार कर सभी पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कराये. पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्क रहें और लगातार निगरानी करते रहें। कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी पुराने पुल हैं, उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें. सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण करायें.

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, विकास आयुक्त श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, अध्यक्ष, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड श्री अभय कुमार सिंह उपस्थित थे.

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