Beawar blackmail Case: हिंदू बच्चियों से दुष्कर्म और फिर ब्लैकमेलिंग…लगाई जा रही कीमत, 10 लाख में दलित 20 में ब्राह्मण, जानिए पूरा मामला..

Beawar blackmail case: राजस्थान के अजमेर संभाग में बिजयनगर थाना क्षेत्र से स्कूल में पढ़ने वाली हिंदु लड़कियों को जाल में फंसाकर उनसे दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है. जहां एक ओर मामले को लेकर लगातार प्रदर्शन किया रहा हैं. वहीँ मामले में 5 आरोपियों समेत 1 नाबालिग आरोपी हिरासत में हैं. दूसरी तरफ अब घटना को लेकर हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं..
राजस्थान के ब्यावर के विजयनगर में स्कूली बच्चियों को फंसा कर उनके साथ दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग करने का मामला सामने आया. आरोप है कि विशेष समुदाय से आने वाले आरोपी युवकों ने इन बच्चियों के ऊपर धर्मांतरण का दबाव भी बनाया, उनसे जबरन रोजे भी रखवाए गए. हाल ही में विजयनगर में हुआ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का मामला, सन 1992 में राजस्थान के अजमेर जिले में हुए दुष्कर्म और ब्लैकमेल मामले की याद दिला रहा है.
जाल में फंसाने के लिए अपनाए नए-नए तरीके
पुलिस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने छात्राओं को फंसाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाने की बात कबूल की है. आरोपी करीम ने सबसे पहले स्कूली छात्राओं से संपर्क किया और उन्हें अपने जाल में फंसाने की शुरुआत की. इसके बाद सोहेल और लुकमान ने स्कूली बच्चियों को ले जाने की योजना बनाई.
बातचीत कर जीता भरोसा
विजयनगर कांड की शिकार हुई बच्ची ने बताया कि सहेलियों के साथ स्कूल आने- जाने के दौरान लड़के उनका पीछा कर उन्हें परेशान करते थे. कुछ दिन बाद लड़कों ने चिट्ठियां फेंकना शुरू कर दिया. मोबाइल देने का लालच देने लगे. मोबाइल देने के बाद कॉल पर बात होने लगी और बाहर घूमने जाने लगे इस दौरान फोटो खींच लिया और जान से मारने, अश्लील फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पांच लड़कों से दोस्ती कराई गई.
ब्राह्मण लड़की को फंसाने पर मिलते 20 लाख
पीड़िता ने बताया कि युवक कहते थे कि अगर वो ब्राह्मण की लड़की को फंसायेंगे तो 20 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं अन्य समाज की लड़कियों को अपनी जाल में फंसाने पर 10 से 15 लाख रुपये मिलेंगे.
परिजनों को पीड़िता के पास से मिले एक छोटा मोबाइल से बता चला की आरोपी ने पीड़िता को मुस्लिम समाज के तौर तरीके बताए और खास कपड़े पहनने के लिए कहा. साथ ही दबाव बनाया कि वह अन्य लड़कियों से भी उनकी दोस्ती कराए. पीड़ित बच्चियों के परिजनों के मुताबिक बच्ची को 5 से 10 लड़के परेशान करते थे. वे डरा- धमकाकर उनके हाथों में चाकू से कट लगा देते थे. लड़की इतनी डरी हुई थी कि उसने कभी अपने परिवार को कुछ नहीं बताया. परिजनों का आरोप है कि इस कांड में और अन्य भी शामिल हैं.
पुलिस कर रही कार्रवाई
विजयनगर थाना पुलिस ने मामले मे तीन केस दर्ज किए हैं. पुलिस ने एक नाबालिग समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. एक नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. थाना प्रभारी करण सिंह ने बताया कि अरोपियों से पूछताछ कर उनके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. जल्द ही मामले में फरार चल रहे आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा.

कैफे पर हुई कार्रवाई
जिस कैफे पर आरोपी नाबालिग छात्राओं से अश्लील हरकतें करते थे वहां बिजयनगर ने नगर पालिका कार्रवाई की है. नगर पालिका ने बिजयनगर के गौरव पथ स्थित चिल आउट कैफे को 19 फरवरी को नोटिस दिया था. अतिक्रमण नहीं हटा तो गुरुवार को अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की गई.

1992 की याद दिला रहा मामला
पूरी घटना साल 1992 में हुए अजमेर सेक्स स्कैंडल की याद दिला रही है. 1992 में अजमेर सेक्स स्कैंडल ने पुरे देश को हिलाकर रख दिया था. दरअसल, सेक्स स्कैंडल का मास्टर माइंड तत्कालीन अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती की गैंग लड़कियों को फंसाकर उनसे दुष्कर्म करते थे. करीब 100 से भी ज्यादा लड़कियों इन्होने अपना शिकार बनाया. ये लोग अमीर और कारोबारी के बेटियों को फंसाते थे. इतना ही नहीं ज्यादातर लड़कियां ज्यादतर हिंदू परिवारों से थीं. इन लड़कियों की अजमेर के एक कलर लैब से अश्लील फोटो और वीडियो भी लीक हुए थे.






