ऋषिकेश में फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रही बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार

ऋषिकेश में फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रही बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार

करीब 11 सालों से फर्जी दस्तावेज बनाकर ऋषिकेश में रह रही बांग्लादेशी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महिला यहां टूरिस्ट वीजा पर आई थी जो कि सितंबर 2011 में समाप्त हो चुका है। उसके बांग्लादेशी पासपोर्ट की वैधता भी 2014 में समाप्त हो चुकी है। हैरान करने वाली बात यह है कि उसने ऋषिकेश के पते पर न सिर्फ दस्तावेज बनवाए, बल्कि भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया। महिला को न्यायालय के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि भारत सरकार से ओवरस्टे कर रहे लोगों के बारे में जानकारी मिली थी। सरकार के निर्देश पर सभी जगह ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच ऋषिकेश में भी ओवरस्टे करने वाली एक महिला सोनिया चौधरी के बारे में पता चला था। पुलिस और एलआईयू की टीम ने आवास विकास कॉलोनी, वीरभद्र रोड पर छापा मारा तो यहां से सोनिया चौधरी को हिरासत में ले लिया गया। उसके दस्तावेजों की जांच की गई तो उसके पास बांग्लादेशी पासपोर्ट मिला।

इस पासपोर्ट की 25 दिसंबर 2014 को वैधता समाप्त हो चुकी है। जबकि, उसके पास जो वीजा था उसकी वैधता भी 18 सितंबर 2011 को समाप्त हो चुकी है। महिला के पास तीन महीने का वीजा था जिसे लेकर जून 2011 में ऋषिकेश आई थी। महिला के पास उसका भारतीय आधार कार्ड और अन्य पहचानपत्र भी मिले हैं। यही नहीं उसने 2014 में देहरादून से अपना भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया। महिला मूल रूप से बांग्लादेश के चटगांव की रहने वाली है। सोनिया के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पति रहता है सऊदी अरब में, पुलिस कर रही जांच

महिला का पति सऊदी अरब में रहता है। वह यहां पर आया है या नहीं इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। पुलिस के अनुसार उसके पासपोर्ट के संबंध में तमाम चेकपोस्ट को पत्र लिखे जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक उसके पति के यहां आने के बारे में जानकारी नहीं मिली है। सोनिया चौधरी नाम की यह महिला भारत और बांग्लादेश के हरिदासपुर चेकपोस्ट के रास्ते भारत आई थी। उसके बारे में अन्य जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं।

कोलकाता से मैरिज और आसाम से बनवाया बर्थ सर्टिफिकेट

पुलिस के अनुसार सोनिया जून 2011 में भारत आई थी। इसके बाद वह ऋषिकेश आई और कुछ दिनों तक यहां रही। इसके बाद वह 2012 में कोलकाता चली गई। वहां उसने अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाया। इसके बाद उसने कुछ दिनों बाद आसाम से अपना बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाणपत्र) बनवाया। यह सब दस्तावेज लेकर वह 2013 में फिर से ऋषिकेश आ गई। यहां उसने पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया। कमाल की बात है कि उसे भारतीय पासपोर्ट मिल भी गया।

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