Chhattisgarh Posting News: नियम-कायदों को ताक पर रख रिटायरमेंट के भी बाद कुर्सी नहीं छोड़ने वाले प्रोफेसर को बना दिया विवि विनियामक आयोग का चेयरमैन…

Chhattisgarh Posting News: नियम-कायदों को ताक पर रख रिटायरमेंट के भी बाद कुर्सी नहीं छोड़ने वाले प्रोफेसर को बना दिया विवि विनियामक आयोग का चेयरमैन…

Chhattisgarh IAS News: रायपुर। कल पूरा छत्तीसगढ़ चौंक गया, जब प्रोफेसर विजय कुमार गोयल को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय नियामक आयोग का चेयरमैन बनाने की खबर वायरल हुई। दरअसल किसी को अंदाजा नहीं था कि पिछली सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंडल में बड़ा गुल खिलाने वाले प्रोफेसर को भाजपा सरकार इतना बड़ा ईनाम कैसे दे सकती है, जिसे उपकृत करने स्कूल शिक्षा सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला और तत्कालीन सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

लोगों को हैरानी इस बात की भी रही कि गोयल के पास आखिर ऐसी कौन सी जादुई छड़ी है कि रमन सरकार में चार साल तक माध्यमिक शिक्षा मंडल में डिप्टी सिकरेटी रहे, फिर 2016 में वहीं पर सचिव बन गए। और कांग्रेस सरकार में न केवल उन्होंने पूरे पांच साल तक कंटीन्यू किया बल्कि उनके रिटायरमेंट एज क्रॉस करने के बाद भी वे कुर्सी पर जमे रहे। इसके बाद भी उन्हें रेगुलेटेरी आयोग का मुखिया बना दिया गया।

रिटायरमेंट की आयु क्रॉस

खटराल अधिकारियों को सिस्टम किस तरह संरक्षण देता है, प्रोफेसर विजय गोयल इसके जीता-जागता उदाहरण हैं। वे रिटायरमेंट की एज क्रॉस करने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा मंडल सचिव की कुर्सी पर जमे रहे। जबकि, ये आईएएस का पद है। मगर 2016 में पता नहीं उन्होंने किधर से चकरी चलाई कि आईएएस के पोस्ट पर बैठ गए। अलबत्ता, राज्य सरकार में डॉक्टरों और प्रोफेसरों को छोड़ रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। माशिमं सचिव की कुर्सी पर भी 62 साल की आयु के बाद कोई नहीं बैठ सकता। अगर किसी दूसरी सर्विस से भी अगर कोई प्रतिनियुक्ति पर आया है तो उस पर 62 रिटायरमेंट एज ही लागू होगा। इस नियम के अनुसार गोयल को 2023 में रिटायर होकर अपने मूल विभाग उच्च शिक्षा में लौट जाना था।

विधि विभाग तैयार नहीं हुआ

मगर माशिमं के तत्कालीन चेयरमैन आलोक शुक्ला ने एक नोटशीट चलाई, जिसमें लिखा था कि कालेजों की तरह गोयल को माशिमं में लाभ देते हुए उन्हें 62 साल में रिटायर न किया जाए। नोटशीट तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के पास गई। पटेल ने विधिक अधिकारियों से मशविरा किया। विधिक अफसरों ने उन्हें सुझाव दिया कि रिटायरमेंट नियम को नहीं बदला जा सकता। कुल मिलाकर रिटायमेंट एज मे छूट देने का मामला जम नही पाया। इसके बाद भी वे कुर्सी पर जमे रहे।

आईएएस के पद पर प्रोफेसर

माध्यमिक शिक्षा मंडल चूकि परीक्षा और गोपनीयता से जुड़ा बोर्ड है, उसके सचिव आईएएस को बनाया जाता है। आखिरी बार 2015 में आईएफएस अधिकारी अनिल राय को सचिव बनाया गया। उनके बाद 2016 में बीजेपी सरकार ने कालेज के प्रोफेसर वीके गोयल को डेपुटेशन पर सचिव बनाया। गोयल इस कुर्सी पर ऐसे जमे के मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह बदल गए, भूपेश बघेल की भी कुर्सी चली गई। मगर गोयल की कुर्सी को जनवरी 2024 तक कोई हिला नहीं पाया।

हालांकि, दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की नई सरकार बनी तो इस पोस्ट को फिर से आईएएस को देते हुए गोयल को हटा दिया गया। मगर पखवाड़ा भर से अधिक हो जाने के बाद भी उन्हें चार्ज नहीं मिला। वहां ऐसी झांकी बनाकर रखी गई है कि गोयल नहीं रहेंगे तो परीक्षा नहीं हो पाएगी। करीब महीने भर तक माशिमं में दो सचिव रहे। गोयल के साथ पुष्पा साहू भी। एनपीजी न्यूज ने इस शीर्षक से खबर प्रकाशित की…आईएएस बड़ा या प्रोफसर, दो-दो सीएम बदल गए मगर सचिव नहीं बदले…तब जाकर सिस्टम हरकत में आया और फिर पुष्पा साहू को प्रभार दिलाया गया।

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