Chhattisgarh News: नक्‍सलियों का आया जवाब: डिप्‍टी सीएम विजय शर्मा के वार्ता के प्रस्‍ताव पर माओवादी प्रवक्‍ता ने जारी किया बयान, बोला….

Chhattisgarh News: नक्‍सलियों का आया जवाब: डिप्‍टी सीएम विजय शर्मा के वार्ता के प्रस्‍ताव पर माओवादी प्रवक्‍ता ने जारी किया बयान, बोला….

Chhattisgarh News: रायपुर। हथियार के दम पर सत्‍ता परिवर्तन की नीति पर चलने वाले नक्‍सली (माओवादी) क्‍या शांति वार्ता को राजी होगें। प्रदेश के डिप्‍टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा की तरफ से वार्ता प्रस्‍ताव दिए जाने के बाद से यह सवाल लगातार उठ रहा था। गृह मंत्री शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान नक्‍सलियों के सामने बातचीत का प्रस्‍ताव रखा था। उन्‍होंने कहा था कि मोबाइल पर वीडियो कॉल के जरिये भी वे बातचीत के लिए राजी हैं। इस प्रस्‍ताव पर नक्‍सलियों की तरफ से जवाब का इंतजार किया जा रहा था, जो अब आ गया है। नक्‍सलियों की तरफ से वार्ता प्रस्‍ताव का दंडकारण्‍य स्‍पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्‍ता विकल्‍प ने जवाब भेजा है। बता दें कि नक्‍सलियों की यही कमेटी बस्‍तर संभाग में सक्रिय है।

नक्‍सली प्रवक्‍ता विकल्‍प की तरफ से एक लिखित बयान जारी किया गया है। 8 फरवरी को जारी इस बयान में विकल्‍प ने वार्ता के लिए सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी है। कहा है कि हमारी पार्टी के साथ वार्ता के प्रति यदि सरकार ईमानदार है तो वह न्यूनतम बातों पर तो पहले अमल करे। फिर हम सीधी वार्ता या वर्चुअल / मोबाइल वार्ता के लिए आगे आएंगे। बातचीत का विधि-विधान, एजेंडा और मुद्दे अलग से तय किए जा सकते हैं। इसलिए हमारी पार्टी जनपक्षधर पत्रकारों, नागरिक समाज, प्रगतिशील-जनवादी बुद्धिजीवियों, नागरिक / मानवाधिकार संगठनों से अपील करती है कि वे जनता पर जारी सरकारी दमनचक्र के खिलाफ आवाज बुलंद करें, ऑपरेशन कगार को बंद करने, वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में जरूरी कदम उठाने सरकारों पर दबाव डालें।

जानिए…वार्ता के लिए नक्‍सलियों की क्‍या है शर्त

वार्ता के लिए नक्‍सल प्रवक्‍ता विकल्‍प ने सरकार के सामने कुछ शर्त रखी है। इसमें बस्‍तर में पुलिस और सुरक्षा बलों का अभियान बंद करने की मांग भी शामिल है। विकल्‍प ने कहा कि वार्ता के लिए पार्टी के भीतर और जनता के साथ जरूरी सलाह-मशविरा, आदान-प्रदान के लिए सरकारें अनुकूल माहौल निर्मित करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि मुठभेड़ों व क्रॉस फायरिंग के नाम पर झूठी मुठभेड़ों में आदिवासियों की जघन्य हत्याएं बंद हों। तमाम सशस्त्र बलों को 6 माह के लिए बैरकों (थानों व कैंपों) तक सीमित किया जाए। नए कैंप स्थापित करना बंद किया जाए। राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए।

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