DGP Ashok Juneja: CG डीजीपी अशोक जुनेजा ने 26 एसपी को रायपुर बुलाकर ऐसा हड़काया कि नवंबर के मौसम में कप्तानों को पसीना छूट गया…

DGP Ashok Juneja: CG डीजीपी अशोक जुनेजा ने 26 एसपी को रायपुर बुलाकर ऐसा हड़काया कि नवंबर के मौसम में कप्तानों को पसीना छूट गया…

DGP Ashok Juneja: रायपुर। 13 नवंबर की शाम पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के एसपी लोगों के सेट पर प्वांट चला…14 नवंबर को डीजीपी साहब मीटिंग लेंगे, तत्काल रायपुर रवाना होइये। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया…बस्तर पुलिस रेंज को छोड़ सभी रेंजों के एसपी को आना है। याने 33 में से 26 पुलिस अधीक्षकों को बुलाया गया। संदेश मिलते ही सरगुजा जैसे दूरस्थ रेंज के जिलों के पुलिस अधीक्षक रात में ही रायपुर रवाना हो गए।

सभी पुलिस अधीक्षकों की जान सांसत में थी….यह जानने की बेचैनी भी कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि डीजीपी साब इस तरह इमरजेंसी कॉल किए हैं। सभी पुलिस अधीक्षक सुबह साढ़े दस बजे पुलिस मुख्यालय पहुंच गए थे।

सबसे पहले अजाक एडीजीपी ने बैठक ली। फिर सीआईडी, ट्रेनिंग, इंटेलिजेंस चीफ ने पुलिस अधीक्षकों से बात की। आखिर में तीन बजे मीटिंग में डीजीपी अशोक जुनेजा पहुंचे। उन्होंने आते ही बखिया उधेड़नी शुरू कर दी। खुफिया चीफ अमित कुमार ने उन्हें जिले वार प्वाइंट बनाकर पहले से दे दिया था, जिन जिलों में पुलिस की नाकामियों और लापरवाहियों से पुलिस को शर्मसार करने वाली घटनाएं हुई हैं।

पहली बार एक-एक एसपी की क्लास

राज्य बनने के बाद कभी भी जिले वार पुलिस की समीक्षा नहीं हुई। एसपी कांफ्रेंस में उतना टाईम नहीं होता। इसलिए रैंडमली जिले के कप्तानों से पूछ लिया जाता था। मगर कल पहली बार एक-एक एसपी को खड़ा कर उनके जिले की कुंडली के बारे में बताया गया कि वे अपने जिले में कौन-कौन सा धतकरम कर रहे हैं।

लोहारीडीह को लेकर गुस्से में

डीजीपी ने कहा कि लोहारीडीह घटना से पहले वहां एक एसडीएम और तहसीदार को लोगों ने बंधक बना लिया था, तब पुलिस ने एफआईआर क्यों नहीं किया? पुलिस पहले से अगर चौकस होती तो लोहारीडीह जैसी शर्मनाम घटना नहीं होती।

थानों के सामने विज्ञापन नहीं

डीजीपी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि थानेदार थाने के भवन में प्रायवेट लोगों से बोर्ड लगवा उनका विज्ञापन करते हैं। उन्होंने सख्ती से कहा कि तत्काल प्रायवेट लोगों का बोर्ड हटा पुलिस खुद से थाने का बोर्ड लगवाए।

डबल मर्डर में भी एसपी मौके पर नहीं

डीजीपी ने कहा कि जिलों में डबल मर्डर होने पर भी पुलिस अधीक्षक मौके पर नहीं जाते। उन्होंने नाम लेकर कहा कि पोलिसिंग के लिए ये ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि एसपी रोज थानेदारों से बात करेंगे। वो भले ही सोशल मीडिया पर संपर्क करें मगर संवाद प्रतिदिन होने चाहिए। एसपी थानेदारों जो काम बताएं, उसका फॉलोअप भी लें।

एडिशनल एसपी की शिकायत

बैठक में बस्तर को छोड़ सभी चार रेंज के आईजी भी मौजूद थे। उन्होंने दुर्ग रेंज के आईजी से पूछा कि दुर्ग के एक एडिशनल एसपी के खिलाफ शिकायत आई तो राजनांदगांव पुलिस से उसकी जांच क्यों करवाई गई? आईजी ने कहा कि निःपक्ष जांच के लिए यह आवश्यक था।

गैंगवार और गांजा पर भड़के

छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में चल रहे गैंगवार पर डीजीपी बेहद नाराज थे। उन्होंने किसी भी सूरत में इसे रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने गांजा के सप्लाई लाईन पर मारक कार्रवाई करने कहा। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसकी जानकारी है कि किन जिलों के कौन-कौन एसपी गांजा सप्लाई को संरक्षण दे रहा है।

अब डीजीपी करेंगे हर महीने रिव्यू

डीजीपी अशोक जुनेजा ने कहा कि वे अब हर महीने पुलिस अधीक्षकों के कार्यो की समीक्षा करेंगे। जिन जिलों में पुलिस की लापरवाही पाई जाएगी, वहां के अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों के प्रॉपर काम नहीं करने की वजह से लॉ एंड ऑडर की स्थिति बिगड़ रही है। डीजीपी ने कहा कि एसपी आफिस में बैठते नहीं, लोगों से मिलते नहीं। ऐसे में, कैसे फीडबैक मिलेगा।

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