Loharidih Incident: कवर्धा बवाल, हाई कोर्ट ने कहा मामला मध्य्प्रदेध इसलिए अदाकती लड़ाई वहीं लड़ो…

Loharidih Incident: कवर्धा बवाल, हाई कोर्ट ने कहा मामला मध्य्प्रदेध इसलिए अदाकती लड़ाई वहीं लड़ो…

बिलासपुर! लोहारीडीह हत्याकांड की नए सिरे से जांच करने व् मृतक का दोबारा पीएम करने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता और उनके अधिवक्ता को मध्य प्रदेश की अदालत में मामला दायर करने और अदालती लडाई लड़ने की सलाह दिया है ! बता दें कि संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक की फांसी पर लटकी मिली थी लाश ।

मृतक शिव प्रसाद साहू की बेटी ने पिता की मौत की नए सिरे से जांच करने के साथ ही कब्र खोदकर दोबारा पीएम कराने की मांग की थी! मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीविजन बेंच में हुई! मामले की सुनवाई के बाद. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को मध्यप्रदेश के ज्यूरीडिक्शन में केस फाइल करने की सलाह दी है ।

0 राज्य शासन ने कुछ इस तरह दिया जवाब

राज्य शासन ने अपने जवाब में कहा है कि चूँकि मामला मध्य प्रदेश की सीमा का था, लाश का पोस्ट मार्टम कराने के बाद मृतक के परिजनों को डेड बॉडी सौंप दी थी ! कानूनी क्षेत्राधिकार मध्य्प्रदेश पुलिस का है ,लिहाजा हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते ! डीविजन बेंच ने राज्य शासन के जवाब पर सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता को मध्य प्रदेश के कोर्ट में मामला दायर करने की सलाह देते हुए याचिका को डिस्पोज आफ कर दिया है!

00 ये है मामला

कवर्धा जिले के लोहारीडीह निवासी शिव प्रसाद साहू की लाश गांव से 10 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश में फांसी पर लटकते हुए मिली थी। इसके बाद गांव के एक परिवार पर गांव वालों ने शिव प्रसाद साहू की हत्या का आरोप लगा हमला कर दिया और घर में आग लगा दिया। जिसमें एक की मौत हो गई वही तीन झुलस गए। बवाल के बाद पहुंची पुलिस पार्टी ने 69 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें से एक आरोपी की जेल में मौत भी हो गई थी। इसके बाद जिले के एडिशनल एसपी को निलंबित कर दिया गया और एसपी, कलेक्टर को हटा दिया गया।

0 चीफ जस्टिस से मिला था पीड़ित परिवार

लोहारीडीह के किसान शिव प्रसाद साहू की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने को लेकर उनके परिवार वाले शुक्रवार को बिलासपुर पहुंचे व् चीफ जस्टिस मुलाक़ात की! शिव प्रसाद साहू के पांच बच्चे हैं। उन्हें विधिक सलाह लेकर याचिका लगाने को कहा गया था। सोमवार को याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई।

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