Chhattisgarh News: धान की एमएसपी: यूपी सरकार ने किया समर्थन मूल्‍य का ऐलान, जानिये..छत्‍तीगसढ़ से कितना अंतर

Chhattisgarh News: धान की एमएसपी: यूपी सरकार ने किया समर्थन मूल्‍य का ऐलान, जानिये..छत्‍तीगसढ़ से कितना अंतर

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सामाजिक, आर्थिक और राजनीति व्‍यवस्‍था का केंद्र धान है। धान की वजह से घर से लेकर बाजार और राजनीति की चिराग जलती और बुझती है। यही वजह है कि प्रदेश में सरकार किसी की भी हो धान हमेशा राजनीति का मुद्दा बना रहता है। यही वजह है कि प्रदेश के किसानों से धान की खरीदी जिस रेट पर होती है, उस रेट पर देश के किसी दूसरे राज्‍य में नहीं होती है।

पड़ोसी राज्‍य उत्‍तर प्रदेश में आज वहां के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने धान का समर्थन मूल्‍य घोषित किया। यूपी सरकार किसानों से कामन धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए का धान 2320 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदेगी। यह कीमत छत्‍तीगसढ़ में धान खरीदी की कीमत 3100 रुपये प्रति क्विंटल से करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल कम है। देश के किसी भी दूसरे राज्‍य में 3100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से सरकार धान नहीं खरीदती है।

जानकारों के अनुसार ज्‍यादातर राज्‍यों में धान की खरीदी केंद्र सरकार की तरफ से घोषित समर्थन मूल्‍य पर ही की जाती है। केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए धान का समर्थन मूल्‍य 2300 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। छत्‍तीगसढ़ को छोड़कर बाकी सभी राज्‍य इसी कीमत पर धान खरीदते हैं। बताया जाता है कि कई राज्‍यों में तो समर्थन मूल्‍य पर धान की खरीदी ही नहीं होती है। किसानों को खुले बाजार में धान बेचना पड़ता है।

प्रति एकड़ 65 हजार से ज्‍यादा कमाई

छत्‍तीगसढ़ के धान उत्‍पादक किसानों का प्रति एकड़ 65 हजार रुपये से ज्‍यादा मिलता है। विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली बीजेपी की सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति एकड़ के भाव पर धान खरीदती है। वहीं, एक एकड़ में धान बोने वाले किसान विष्‍णु के राज में 21 क्विंटल बेच सकते हैं। इस तरह प्रति एकड़ किसानों को 65 हजार 100 रुपये मिलता है। अफसरों के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से घोषित समर्थन मूल्‍य के आधार पर किसानों को तुरंत भुगतान कर दिया जाता है। बाकी राशि अलग से दी जाती है।

 

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share