Kolkata Rape: संदीप घोष डॉक्टर के रेप-हत्या मामले में नहीं कराना चाहते थे FIR, CBI के रिमांड नोट में कई चौंकाने वाले खुलासे

Kolkata Rape: संदीप घोष डॉक्टर के रेप-हत्या मामले में नहीं कराना चाहते थे FIR, CBI के रिमांड नोट में कई चौंकाने वाले खुलासे

Kolkata Rape: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी के दस्तावेजों से पता चला कि कोलकाता के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल ने रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय को बचाने की कोशिश की और महिला डॉक्टर के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करवा दिया।

CBI ने बताया कि मंडल को 9 अगस्त को सुबह 10:03 बजे मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय डॉक्टर के अर्धनग्न शव की सूचना पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष से मिली थी। इसके बाद भी पुलिसकर्मी घटनास्थल पर तुरंत नहीं पहुंचे। वह एक घंटे बाद सुबह 11 बजे मौके पर पहुंचे थे, जबकि ताला पुलिस थाना और मेडिकल कॉलेज के बीच की दूरी 10 मिनट की है। दोनों ही उत्तर कोलकाता में स्थित हैं।

जांच में खुलासा हुआ कि अभिजीत मंडल ने पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज होने वाली सामान्य डायरी में गलत जानकारी दी। इसमें बताया गया कि डॉक्टर का शव “चेस्ट मेडिसिन के सेमिनार रूम में बेहोशी की हालत में पड़ा” पाया गया, जबकि डॉक्टरों ने पहले ही शव की जांच करके उसे मृत घोषित कर दिया था। मंडल पर घटनास्थल पर लापरवाही बरतने, साक्ष्य जुटाने में लापरवाही, FIR में देरी, रॉय के कपड़े जब्त करने में देरी का आरोप है।

जांच एजेंसी को शक है कि मंडल ने अस्पताल के अधिकारियों और अज्ञात लोगों के साथ साजिश रचकर जांच को भटकाने का षड्यंत्र रचा था। इससे पहले पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष के CBI के पॉलीग्राफ जांच में खुलासा हुआ कि वह घटना की जानकारी होने के बाद भी मौके पर देर से पहुंचे थे। वह FIR नहीं चाहते थे और उन्होंने जांच अधिकारियों को भटकाने की कोशिश की थी। CBI ने घोष और मंडल को शनिवार को गिरफ्तार किया है।

क्या है रेप और हत्या का मामला?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया। जांच के दौरान CBI को मेडिकल कॉलेज में वित्तीय घोटाले का पता चला, तब उन्होंने डॉ घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया। अब जांच को भटकाने के आरोप में घोष और ताला पुलिस थाने के अधिकारी मंडल CBI गिरफ्त में हैं। इनसे पूछताछ चल रही है।

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