सरकारी कर्मचारी अब RSS के कार्यक्रमों में हो सकेंगे शामिल, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पलटा 58 साल पुराना आदेश

सरकारी कर्मचारी अब RSS के कार्यक्रमों में हो सकेंगे शामिल, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पलटा 58 साल पुराना आदेश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ की गतिविधियों में अब सरकारी कर्मचारी शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुये आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगी रोक को 58 साल बाद हटा दिया है। मालूम हो कि 30 नवंबर 1966 में के्रद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने के प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी सरकार ने लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है।

सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया। 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है। 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।’

बीजेपी के भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कार्मिक मंत्रालय के आदेश का स्क्रीन शाट साझा करते हुए लिखा, 58 साल पहले, 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पोस्ट किया, सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।

 

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