Bilaspur News: बिलासपुर का पूरा जिला प्रशासन बना मेंटर: कलेक्टर, एसपी से लेकर आयुक्‍त व सीईओ को भी मिली जिम्‍मेदारी, पढ़‍िये क्‍या है मामला

Bilaspur News: बिलासपुर का पूरा जिला प्रशासन बना मेंटर: कलेक्टर, एसपी से लेकर आयुक्‍त व सीईओ को भी मिली जिम्‍मेदारी, पढ़‍िये क्‍या है मामला

Bilaspur News: बिलासपुर। छत्‍तीसगढ़ के स्‍कूलों में ड्राप आउट (बच्‍चों के पढ़ाई छोड़ने के मामले) की बढ़ती संख्‍या ने सरकार को चिंता बढ़ा दी है। नए शिक्षा सत्र में इसे रोकने के लिए राज्‍य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। स्कूल शिक्षा विभाग इस मामले में कलेक्‍टरों को लगातार निर्देश जारी कर रहा है। इसमें अफसरों को मेंटर बनाने वाला आदेश भी शामिल है।

कलेक्‍टर अवनीश शरण के हस्‍ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि आरटीई के तहत बिलासपुर जिले के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभित कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग के तथा अलामित समूह के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिया गया है। प्रवेश उपरांत नवीन विद्यालय के वातावरण से सामंजस्य स्थापित न कर पाने और अन्य विभिन्न कारणों से शाला त्याग कर ड्रॉपआउट हो रहे है। इसे देखते हुए विद्यार्थियों एवं पालकों को सतत् प्रेरित / सहायता प्रदान करने तथा पालक, स्कूल प्रबंधन एवं प्रशासन के मध्य समन्वय कर विद्यार्थियों को उसकी शिक्षा निरंतर रखने में आने वाले अवरुधों को दूर किये जाने के लिए अशासकीय विद्यालयों मेंटर बनाए गए हैं।

जानिये…क्‍या होगी मेंटर बने अफसरों की जिम्‍मेदारी

  • मेंटर आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों / उनके पालकों से संपर्क में रहेंगे एवं उनको विद्यालय में कोई रागरया आती है, तो उसे हल करने की दिशा में कार्य करेंगे।
  • यदि विद्यार्थी विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होता है, तो पालक एवं विद्यार्थी को प्रेरित कर नियमित उपस्थिति की दिशा में कार्य करेंगे।
  • मेंटर पालकों एवं विद्यालय में समन्वय स्थापित कर यह प्रयास करें कि विद्यार्थी डॉप आउट न हो।
  • मेंटर यह भी सुनिश्चित करायेंगे कि शाला के समान्य विद्यार्थी एवं आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों के गध्य शाला प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की असमानता का व्यवहार न किया जा रहा हो।
  • मेंटर द्वारा यह भी मॉनिटरिंग की जायेगी कि अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाली सगस्त सुविधाएं विद्यार्थियों को उपलब्ध हो तथा विद्यालय द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का किसी भी रूप में उल्लंघन न किया जाये।
  • यदि विद्यालय द्वारा प्रवधानों का उल्लंघन किया जाता है, तो मेंटर द्वारा इसकी सूचना कलेक्‍टर को दी जायेगी।

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