Bhole Baba News: भोले बाबा का चमत्कारी हैंडपंप! सूरजपाल का दावा पानी पीते ही मुराद हो जाती है पूरी, आखिर क्या है रहस्य?

Bhole Baba News: हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई है. इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं. सभी सूरजपाल, नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ कहा सत्संग सुनने पहुंचे थे. अब बाबा से जुड़े हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे है. जिसे सुन सभी हैरान है. इसी बीच भोले बाबा के बहादुर नगर गांव में स्थित आश्रम को लेकर नया खुलासा है.
भोले बाबा का चमत्कारी हैंडपंप
भोले बाबा के आश्रम में चमत्कारी हैंडपंप भी है. जी हाँ इस हैंडपंप से जादुई पानी निकलता है. जिससे सभी समस्या दूर हो जाती है. दरअसल, नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के जन्मस्थान कैसरगंज के बहादुरनगर गांव में बने आश्रम के बाहर हैंडपंप लगे है. लोगों का मानना है ये हैंडपंप जादुई है. बाबा के भक्तों का कहना है चाहे धन की कमी और या कोई बिमारी सब इस पानी से ठीक हो जाता है.
पानी पीने दूर – दूर से आते है भक्त
बाबा के हैंडपम्प के पानी को पीने के लिए लोग दूर – दूर से आश्रम आते है. इतना ही नहीं बाबा के भक्त इन हैंडपंप के पानी को प्रसाद के रूप में लेते हैं. साथ ही बोतल में भरकर अपने घर ले जाते है. भक्तों का दावा है अगर कोई इक्छा पूरी न हो रही तो इस चमत्कारी पानी को पीने से पूरी हो जाती है.
गंभीर बिमारी ठीक होने का दावा
कुछ भक्तों का कहना हैं कैंसर, कुष्ट रोग और गैस जैसी समस्या पानी के इस्तेमाल से ठीक हो जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, एक व्यक्ति ने बताया कि उसे कैंसर की बिमारी थी. बचना मुश्किल थ. लेकिन भोले बाबा के आश्रम के चमत्कारी हैंडपंप का पानी पीने से वो ठीक हो गया. बाबा के हर आश्रम में ये हैंडपंप लगवाए गए है.
कौन है भोले बाबा
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली गांव के रहने वाले सूरज पाल उर्फ साकार विश्व हरि बाबा को उनके अनुयायी भोले बाबा के नाम से भी जानते हैं। उनके अनुयायी राजस्थान सहित मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में हैं। और सत्संग की व्यवस्था भी उनके अनुयायी ही संभालते है। सत्संग करने से पहले सूरज पाल उर्फ साकार विश्व हरि बाबा उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर नौकरी कर रहे थे। नौकरी करने के दौरान ही उन्होंने सत्संग शुरू किया। बाबा का दावा हैं कि पुलिस पोस्टिंग के दौरान वो राज्य के अलग अलग थाने व इंटेलिजेंस में भी पदस्थ रह चुके हैं। 26 साल तक पुलिस विभाग में नौकरी करने के बाद त्यागपत्र देकर साकार विश्व हरि बाबा बन गये। भोले बाबा कहते हैं कि उनका झुकाव शुरू से ही अध्यात्म में रहा है। वो कहते हैं कि बचपन में अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे।
अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे
नौकरी से त्यागपत्र देने के बाद भोले बाबा अपने ही गांव में छोपड़ी बनाकर रहने लगे थे और उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में घूम कर सत्संग करने लगे। धीरे धीरे उनके समर्थकों की संख्या बढ़ गई और बड़ी संख्या में वो सत्संग करने लगे। बाबा जहां जाते हैं वहां उन्हें सुनने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। बताया जाता हैं कि सत्संग सुनने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग उनके सत्संग में पहुँचते थे। श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे रहते ही रहते हैं।
मेरा कोई गुरू नहीं
भोले बाबा अकसर अपने सत्संग में ये कहते हैं कि उनका कोई गुरू नहीं, उन्हें तो सिर्फ मानवता से ही लगाव है। और वही लोग उनके लिए सब कुछ हैं। साथ ही वो ये भी कहते हैं कि उनकी पूरी जिंदगी मानव कल्याण के लिए ही हैं।
कोरोना काल के दौरान हुआ था यातायात व्यवस्था ध्वस्त
भोले बाबा उस वक्त काफी चर्चा में आये थे जब देश में कोरोना का आतंक छाया हुआ था। भोले बाबा ने उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में मई 2022 में सत्संग का आयोजन किया था। इस दौरान आयोजकों ने जिला प्रशासन से 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सत्संग में भीड़ काफी ज्यादा उमड़ गई थी। जिसकी वजह से शहर में यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी।






