कैबिनेट में आए 18 प्रस्ताव 16 पास, UCC पर कोई चर्चा नहीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 18 प्रस्ताव आए, जिसमें से16 पास किए गए। यूसीसी पर आज कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई। यूसीसी को लेकर 6 फरवरी को कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा।

कैबिनेट की ओर से लिए गए निर्णय

  1. स्थानीय फसल प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत कलस्टर में समूहों के माध्यम से परंपरागत फसलों के सत्यापित बीज का उत्पादन एवं वितरण के संबंध में
  2. उत्तराखंड घुड़सवार पुलिस सेवा संसोधन नियमावली 2024 को मंजूरी
  3. उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2007 में संसोधन
  4. जनपद चंपावत के तहसील पाटी को नगर पंचायत बनाये जाने का निर्णय
  5. नगर पालिका खटीमा के सीमा विस्तार का निर्णय
  6. ग्रामीण पेयजल योजना संचालन एवं रख रखाव नियमावली 2024 को मंजूरी
  7. उत्तराखंड ऑन डिमांड ठेका गाडी द्वारा परिवहन संसोधन नियमावली 2024
  8. मंडी परिषद की निर्धारित लागत सीमा में बढ़ोतरी को मंजूरी
  9. सहसपुर स्किल हब में 5 सेक्टर की ट्रेनिंग को मंजूरी बाजपुर आईटीआई बनेगा सेंटर आफ एक्सीलेंस
  10. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का 22 व प्रतिवेदन सदन में रखने को मंजूरी
  11. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के 2018-19 से 2022-23 तक के प्रतिवेदन सदन में रखने को मंजूरी

पांच फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले धामी मंत्रिमंडल की बैठक अहम मानी जा रही थी। प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी।

यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए।

उत्तराखंड में कुप्रथाएं होंगी खत्म
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से दशकों से चली आ रहीं कुरीतियां और कुप्रथाएं खत्म होंगी। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। यह कहना है कि समान नागरिक संहिता की कानूनी जंग लड़ने वाले अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय का। सीएम आवास में यूसीसी की विशेषज्ञ समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के दौरान उपाध्याय ने मीडिया से समान नागरिक संहिता की विशेषताओं और उनके संभावित प्रावधानों को साझा किया। कहा, समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप दिया है।

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