तीन राज्यों में हार से उत्तराखंड कांग्रेस को भी झटका, कहा अप्रत्याशित परिणाम
उत्तराखंड कांग्रेस को देश के तीन प्रमुख राज्यों में मिली हार के बाद झटका लगा है। बीते वर्ष पड़ोसी राज्य हिमाचल के विस चुनाव में जीत की जो ऑक्सीजन मिली थी, इस हार ने उसे निराशा में बदल दिया है। निश्चित तौर पर वर्ष 2024 के लोस चुनावाें में इन परिणामों का असर देखने को मिलेगा। पार्टी नेताओं की मानें तो इसके लिए उत्तराखंड कांग्रेस नए मनोयोग से बीते 10 सालों का सूखा खत्म करने के लिए मैदान में उतरेगी। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार अल्मोड़ा और नैनीताल-ऊधमसिंह नगर में कांग्रेस बीते दो चुनावों (वर्ष 2014 और 2019) में एक भी सीट नहीं जीत पाई है। दोनों ही बार पांचों सीटें भाजपा के खाते में गई हैं। इस बार भाजपा जहां पांचों सीटों पर हैट्रिक बनाने के इरादे से मैदान में उतरेगी, वहीं कांग्रेस को नए सिरे से कसरत करनी पड़ेगी। राजनीति के जानकारों की मानें तो इन राज्यों में हार और जीत का असर लोस चुनाव में स्पष्ट तौर पर देखने को मिलेगा। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहेगा।
वहीं, पार्टी उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी की मानें तो लोकसभा और विधानसभ चुनाव के मुद्दे भिन्न होते हैं, ऐसे में इन चुनाव परिणामों का आगामी लोस चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने इस हार को अप्रत्याशित बताया। कहा, उत्तराखंड में पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी और पांचों सीटों पर जीत दर्ज करेगी।