आयोग के सदस्यों का चयन अब समिति करेगी, पूर्व संस्थान से इस्तीफा देने की अनिवार्यता सहित कई बदलाव

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्यों का चयन अब समिति करेगी। वहीं, सदस्यों को अपने पूर्व के सरकारी या निजी संस्थान से इस्तीफा देना अनिवार्य होगा। बृहस्पतिवार को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सेवा शर्तों के बारे में (संशोधन) विनियम 2023 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके तहत आयोग में नियुक्त होने वाले अध्यक्ष एवं सदस्यों की अर्हता, नियुक्ति की प्रक्रिया, पूर्व सेवा की प्रास्थिति को लेकर कुछ संशोधन किए गए हैं। सरकार ने माना है कि स्पष्ट प्रावधान न होने की वजह से कई तरह की दुश्वारियां आ रहीं थीं। संशोधन के बाद अब उप सचिव एवं अपर सचिव (विधि) का परिवर्तित पदनाम विधि सलाहकार का उल्लेख किया गया है। कार्मिकों को अवकाश अनुमन्यता संबंधी अप्रासंगिक उपबन्ध को विलोपित किया गया है।

आयोग का सदस्य बनने के लिए इस्तीफा देना होगा अनिवार्य
आयोग में सदस्यों के चयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति विज्ञप्ति निकालेगी, जिसके बाद आए हुए आवेदनों की छंटनी करेगी। एक सदस्य के लिए तीन पात्र दावेदारों के नाम मुख्यमंत्री को भेजेगी। इनमें से किसी एक का चयन किया जाएगा। अभी तक इसकी कोई परिभाषित प्रक्रिया नहीं थी। अभी तक केवल राजकीय सेवा से आने वाले तो अपने पूर्व के पद से इस्तीफा दे देते थे, लेकिन किसी निगम, अशासकीय कॉलेज आदि से आने वाले इस्तीफा नहीं देते थे। लिहाजा, ये तय कर दिया गया है कि आयोग का सदस्य बनने के लिए इस्तीफा देना अनिवार्य होगा।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share