पक्ष न रखने वाले अभ्यर्थी बनाए जा सकते हैं आरोपी

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा समेत अन्य परीक्षा धांधलियों में चिह्नित अभ्यर्थियों में से कुछ अब भी एसटीएफ के सामने नहीं आए हैं। इन्हें पूछताछ के लिए कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। ऐसे में इन अभ्यर्थियों को भी अब आरोपी बनाया जा सकता है। इनके खिलाफ मुकदमों में अलग से सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट भेजी जाएगी। फिलहाल एसटीएफ ऐसे कई अभ्यर्थियों से पूछताछ की कोशिश कर रही है।

बता दें कि पिछले साल मई में एसटीएफ ने रायपुर में दर्ज पेपर लीक मामले की जांच शुरू की थी। इस मुकदमे में 44 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि, अन्य तीन मामलों में 13 और आरोपी दबोचे गए थे। 200 से अधिक अभ्यर्थियों को चिह्नित किया गया था। इनमें से ज्यादातर ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। कई अभ्यर्थी ऐसे भी हो सकते हैं जिन्होंने पेपर को आगे किसी और को बेचा।

यही जानने के लिए उनकी कॉल डिटेल आदि खंगाली गई थी। इन संदिग्ध अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए एसटीएफ ने कई बार नोटिस जारी किए हैं, लेकिन बहुत से अभ्यर्थी अपना पक्ष नहीं रख पाए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इन अभ्यर्थियों ने यदि जल्द पक्ष नहीं रखा तो उन्हें भी विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाया जा सकता है।
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अभ्यर्थियों की भूमिका पता लगने के बाद होगी कार्रवाई
अभी देखा जा रहा है कि किस अभ्यर्थी की कितनी गलती थी। उसने पेपर आगे बेचा है या नहीं। एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि पेपर बेचने और खरीदने वाले अभ्यर्थियों की जांच अब भी चल रही है। उनकी भूमिका का पता लगने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अलग से चार्जशीट दाखिल की जाएगी। बता दें कि इन मामलों में 23 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई की गई थी। लगभग सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट में जा चुकी है।

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