हिमालय संदेश अमृत यात्रा (द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं भारत चार धाम) पूरी कर वापस पहुंचे सोमेश पंवार
अपने धर्म, संस्कृति और पर्यावरण का सन्देश पूरे भारतवर्ष तक पहुंचने वाले सोमेश पंवार अपनी १२ ज्योतिर्लिंगों की साइकिल से यात्रा कर के वापस देहरादून, उत्तराखंड पहुंच गए हैं | बारह ज्योतिर्लिंगों की यात्रा को पूरा करने में में सोमेश को लगभग 150 दिन (5 महीने) का समय लगा। जिसमे उन्होंने पूरे भारतवर्ष को जाना और उसको जिया। इस यात्रा के दौरान काफी कुछ हुआ, किंतु उनका दृढ संकल्प और भगवन बद्रीनाथ की कृपा से उनकी यह यात्रा पूरी हुई |
सोमेश की १२ ज्योतिर्लोंगों की यात्रा पूर्ण होने के उपलक्ष में देहरादून में साइकिलिंग ग्रुप पहाड़ी पेड्ड्लर्स ने एक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमे देहरादून की साइकिलिंग कम्युनिटी ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया |
कार्यक्रम में अपने अनुभव को साझा करते हुए सोमेश कहते हैं कि – भगवान को जानना अच्छी बात लेकिन उस से पहले मानवता को जानना बहुत जरूरी है| आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई पूरा पुराण या ग्रन्थ नहीं पढ़ सकता किन्तु एक व्यक्ति को धर्म की बेसिक नॉलेज होनी चाहिए। अपने यहाँ मौजूद स्थलों के बारे में जानकारी होनी चाहिए | आजकल लोग त्योहार के समय त्योहार मानाने की बजाय घूमने चले जाते है। ये हमारा कर्तव्य है की अपने त्योहारों के बारे में अपने आने वाली पीढ़ी को बताएं अन्यथा आने वाली पीढ़ी अपने इस गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को भूल जाएगी । देश एक भौगोलिक इकाई है जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता सकता किंतु राष्ट्र को खतरा है, अगर संस्कृति न बचाई जाय। और जिस तरह लोग अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, एक चिंताजनक स्तिथि है | इस यात्रा को साइकिल से करने का कारण बताते हुए सोमेश कहते हैं कि साइकिल ही एक ऐसा माध्यम है जिससे है अपनी बात को जन जन तक पहुंचा सकते हैं ।
इस यात्रा को सफल बंनाने के लिए उन्होंने पहाड़ी पेड्ड्लर्स के संस्थापक गजेंद्र रमोला और उनकी टीम का धन्यवाद किया (अमिता, आयुष, मीना, ऋतु, मेघा) जो उनके साथ पूरी यात्रा में पल पल जुडी हुई थी, का उनका धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में उपस्थित SDM डोईवाला शैलेंद्र नेगी ने भी उनका स्वागत अभिनन्दन किया और उनकी यात्रा को लोगों के साथ पुस्तक, यूट्यूब वीडियो ऑडियो माध्यम से साझा करने का सुझाव दिया | और प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसा कुछ करने का सोचे तो हम अपनी तरफ से सहयोग करेंगे। इस बाद यात्रा के बाद पूरा विश्व भी खुला है।
इस मौके पर गजेंद्र रमोला, आयुष, अमिता, आयुष, मीना, ऋतु, मेघा, रिटायर्ड कर्नल अनिल गुरुंग, मैती आंदोलन के प्रणेता पद्म-श्री कल्याण सिंह रावत, सेवानिवृत्त रेअर एडमिरल ओम प्रकाश राणा, डोईवाला SDM शैलेंद्र नेगी, अनुज केडियल एवं देहरादून साइकिलिंग कम्युनिटी के लोग मौऊद रहे |