सात लाख तक टैक्स नहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा

सात लाख तक टैक्स नहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा

1. अब सात लाख तक कोई टैक्स नहीं
अभी जिनकी पांच लाख रुपये की कर योग्य आमदनी है, उन्हें दोनों कर व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना होता था। अब यह लिमिट सात लाख रुपये होगी। छूट की यह सीमा नई कर व्यवस्था में बढ़ाई गई है। पुराने रिजीम के स्लैब में बदलाव को लेकर कोई एलान नहीं किया है।

2. इनकम टैक्स का स्लैब बदला
नए रिजीम में आयकर में छूट की शुरुआती सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह सीमा ढाई लाख रुपये थी।

क्या होगा फायदा: इससे नई व्यवस्था में शामिल होने वाले करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। किसी व्यक्ति की अगर सालाना आमदनी नौ लाख रुपये है तो उसे 45 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा। यह उसकी आमदनी का पांच फीसदी ही होगा। उसे 25 फीसदी कम टैक्स देना होगा। पहले जहां उसे 60 हजार रुपये टैक्स देना होता था। अब उसकी जगह 45 हजार ही टैक्स देना होगा। इसी तरह अगर किसी की 15 लाख की सालाना आमदनी है तो उसे 1.5 लाख रुपये ही टैक्स देना होगा। यह उसकी आमदनी का 10% होगा। उसे अब 20 फीसदी कम टैक्स चुकाना होगा। पहले उसे 1,87,500 रुपये टैक्स देना होता था।

3. स्टैंडर्ड डिडक्शन
पेंशनर्स, फैमिली पेंशनर्स और तय वेतन पाने वाले लोगों को नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन में थोड़ी राहत मिलेगी। अगर आपकी आय 15.58 लाख रुपये या उससे ज्यादा है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन में 52,500 रुपये का फायदा होगा। पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये था।

4. सुपर रिच टैक्स घटा
सबसे ज्यादा आमदनी वालों के लिए टैक्स रेट 42.74% है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा था। इसे अब घटाकर 39% किया जा रहा है। अब यह भी जान लेते हैं कि यह फायदा मिलेगा कैसे? दरअसल, सुपर रिच लोगों के लिए हायर सरचार्ज रेट को 37% से घटाकर 25% किया जा रहा है। इस तरह पहले 42.74% लगने वाला सुपर रिच टैक्स अब 39% होगा।

5. लीव एनकैशमेंट
गैर-सरकारी वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट में आयकर छूट की सीमा 2002 में तीन लाख रुपये तय की गई थी। उस वक्त सरकार में उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपये होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जा रहा है। यानी 25 लाख रुपये तक के लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा।

इनकम टैक्स से जुड़ीं अन्य बातें
  • नए इनकम टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रिजीम बना दिया जाएगा, लेकिन पुरानी व्यवस्था में भी जा सकेंगे।
  • आयकर रिटर्न 2013-14 में 93 दिन में प्रोसेस हो रहे थे, अब 16 दिन में ही हो रहे हैं। 45% रिटर्न तो 24 घंटे में ही प्रोसेस कर दिए गए। टैक्स पोर्टल पर एक दिन में अधिकतम 72 लाख रिटर्न प्राप्त हुए थे।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share