गरीब मुस्लिम और ईसाई भी होंगे कोटे के हकदार, धर्म की दीवारों से परे सबको मिलेगा लाभ

गरीब मुस्लिम और ईसाई भी होंगे कोटे के हकदार, धर्म की दीवारों से परे सबको मिलेगा लाभ

नई दिल्ली :  केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के दायरे में देश के ईसाई और मुस्लिम गरीबों समेत सभी धर्मों के लोग आएंगे। इसकी जानकारी सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक को पेश करते हुए दी। इस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि इसके तहत सभी वर्ग के लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि इस आरक्षण का आधार सामाजिक या शैक्षणिक नहीं है बल्कि आर्थिक है।

इस विधेयक को लेकर विपक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को याद दिलाने की बात कही गई, जिसमें उसने 50 फीसदी आरक्षण की सीमा तय की गई थी। इस पर जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कैप लगाई थी, वह जातिगत आरक्षण को लेकर ही थी।

अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई बार दोहराया था कि हम सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को मिलने वाले आरक्षण पर ही यह सीमा तय कर रहे हैं। इसके पीछे अदालत का तर्क यह था कि आप अन्य वर्ग यानी अनारक्षित वर्ग हैं, उनके लिए सीट नहीं छोड़ोगे तो फिर पुराने भेदभाव को तो समाप्त किया जा सकेगा, लेकिन नया भेदभाव शुरू हो जाएगा। इस संतुलन को बनाए रखने के लिए अदालत ने कैप लगाई थी।

जेटली का तंज, पहला मौका होगा, जब गरीबों के खिलाफ कम्युनिस्ट
अपने भाषण के दौरान वामपंथी सांसदों के हंगामे पर तंज कसते हुए अरुण जेटली ने कहा कि यह दुनिया का पहला उदाहरण होगा कि गरीबों को आरक्षण दिया जा रहा है और कम्युनिस्ट इसके विरोध में है। जेटली ने कहा कि 2014 के अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने भी सभी को आरक्षण दिए जाने की बात कही थी। जेटली ने कहा कि यदि आप लोग समर्थन कर रहे हैं तो फिर खुले दिल से करें।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share