Bastar Road Map: बस्तर को बाली की तरह होगा डेवलप, एक्शन में CM सचिवालय, सचिवों से मांगा प्लान, बनेगा देश का खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन

Bastar Road Map: बस्तर को बाली की तरह होगा डेवलप, एक्शन में CM सचिवालय, सचिवों से मांगा प्लान, बनेगा देश का खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन

Bastar Road Map: रायपुर। खबर की हेडिंग में बाली का जिक्र इसलिए किया गया कि इंडोनेशिया का छोटा द्वीप बाली तड़क-भड़़क और बड़े मॉल कल्चर के लिए इनयायरमेंट तथा अपनी संस्कृति और अध्यात्म को सहेजकर दुनिया में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 80 के दशक में नक्सलवाद पनपने से पहले बस्तर को भी छत्तीसगढ़ का जन्नत कहा जाता था। दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, के घने जंगल लोगों का मन मोह लेते हैं। मगर नक्सलवाद के चलते छत्तीसगढ़ के सबसे खूबसूरत इलाके के विकास पर ग्रहण लग गया।

मगर बस्तर का वैभव अब फिर लौटने लगा है। नक्सलियों के सफाए के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 का डेडलाइन तय कर दिया है। वैसे भी पिछले छह महीने में दो सौ से अधिक नक्सली मारे गए हैं। और अब बस्तर के कई जिलों से नक्सलियों का प्रभाव खतम हो गया है।

बस्तर से नक्सलवाद समाप्त होने का मतलब होगा, देश से माओवादी हिंसा की विदाई। देश में सिर्फ अब छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां नक्सली आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। जाहिर है, केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए बड़ी उपलब्धि होगी…उनके नाम नक्सलवाद का खात्मा जुड़ जाएगा। बता दें, पिछले एक साल में अमित शाह छह बार छत्तीसगढ़ आ चुके हैं। चार तो बस्तर आए। सुकमा में उन्होंने फोर्स के कैंप में रात्रि विश्राम किया।

चूकि इस समय बस्तर भारत सरकार के टॉप प्रायरिटी पर है, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार भी इसमें कोई कसर नहीं रखना चाहती। राज्य सरकार इसका इंतजार नहीं करना चाहती कि मार्च 2026 में नक्सली समाप्त होंगे तो वहां विकास के कार्य शुरू किए जाएंगे। स्टेट गवर्नमेंट बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई के साथ विकास के पैरेलेल काम करना चाहती है। ताकि मार्च 2026 में जब नक्सल मुक्त बस्तर का ऐलान हो, उससे पहले वहां विकास कार्यों की नींव पड़ जाए।

सीएम का निर्देश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के डेवलपमेंट के लिए प्लान बनाने का निर्देश दिया है। सीएम के निर्देश पर उनके सचिवालय ने होम वर्क शुरू कर दिया है। पता चला है, पीएस टू सीएम सुबोध सिंह इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बस्तर के चौतरफा विकास के लिए सबसे पहले रोड मैप तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय इसके लिए विभागीय सचिवों से प्लान मांगा जाएगा। सचिवों से पूछा जाएगा कि आपके विभाग में बस्तर के लिए टॉप प्रायरिटी वाले काम क्या किया जा सकता है, उसे प्राथमिकता के साथ स्वीकृति दिलाई जाएगी।

टूरिज्म पर फोकस

विष्णुदेव सरकार की कोशिश है कि बस्तर को देश का टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जाए, इससे बस्तर से नक्सलवाद का दाग धुलेगा ही, राज्य को राजस्व भी मिलेगा। बस्तर क्षेत्रफल के मामले में केरल से बड़ा है। और उतने ही खूबसूरत भी। सरकार ने बजट में इसीलिए बस्तर में होम स्टे को बढ़ावा देने सब्सिडी का ऐलान किया। यही नहीं, बस्तर में टॉप ग्रुप से रिसोर्ट बनाने के लिए बात की जा रही। ताकि बड़े घराने के लोग अगर बस्तर की पर्यावरणीय खूबसूरती देखने आएं, तो उनके लेवल का स्टे करने के लिए लग्जरी रिसोर्ट हो।

सड़कें होंगी चमचमाती

कोंडागांव का केशकाल बस्तर का प्रवेश द्वार है। केशकाल घाटी पिछले 40 साल से ट्रकों के जाम की घाटी बन गई थी। आए दिन वहां ट्रकों की लंबी कतारें लग जाती थी। इस सरकार ने वहां फोकस कर केशकाल घाटी की सूरत बदल दी। कोंडागांव कलेक्टर ने कुणाल ने तीन महीने में ऐसा कुछ कर डाला कि वहां जाम अब पुरानी बात हो गई। यही नहीं, घाटी के पूरे दीवारों पर बस्तर की मनमोहक कलाकृतियां बनवा दी गई है। सीएम सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि बस्तर में सड़कें ऐसी बनाई जाएगी कि उस पर चलकर ही पर्यटक रोमांचित महसूस करेंगे।

संस्कृति को सरंक्षित

बस्तर के विकास में इसका ध्यान रखा जाएगा कि वहां की संस्कृति पर आंच नहीं आए। बल्कि बस्तरिया संस्कृति को और उभारा जाएगा। जैसे बाली पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है मगर इंडोनिशया ने वहां के अध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान से कोई छेडछाड़ नहीं किया। इंडोनेशिया में 80 प्रतिशत मुस्लिम रहते हैं, बावजूद इसके बाली में रहने वाले लोगों की भावनाओं का बराबर ध्यान रखा गया। स्थिति यह है कि भारत के हिन्दू जितने पूजा-पाठ नहीं करते, उससे अधिक बाली के लोग भगवान को मानते हैं। बाली के चौक-चौराहों पर रामायण और महाभारत के किरदारों के बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनी हैं। चौक के नाम भी इससे जुड़ा हुआ है। इसी तरह बस्तर की संस्कृति को भी अक्षुण्ण रखने का प्रयास किया जाएगा।

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