CG Vidhansabha Budget Session 2025: दिव्यांगजनों के मुद्दे पर मंत्री को जवाब देते नहीं बना, स्पीकर रमन सिंह ने किया हस्तक्षेप, चीफ सिकरेट्री से बोले…

CG Vidhansabha Budget Session 2025: दिव्यांगजनों के मुद्दे पर मंत्री को जवाब देते नहीं बना, स्पीकर रमन सिंह ने किया हस्तक्षेप, चीफ सिकरेट्री से बोले…

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। प्रश्नकाल के दौरान सदन में दिव्यांगजनों की छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों में भर्ती के अलावा कार्यरत दिव्यांगजनों के पदोन्नति का मुद्दा उछला। पदों के चिन्हांकन को लेकर बीते नौ साल से चल रही विभागीय प्रक्रिया को लेकर जब सदस्यों ने सवाल किया तब महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को जवाब देते नहीं बना। विधायकों के सवाल और मंत्री के जवाब के बीच नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने कहा कि ये कैसी व्यवस्था है। राज्य सरकार दिव्यांगजनों के साथ धोख कर रही है।

मंत्री को सवालों से घिरती देख विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विषय गंभीर है। आरोप-प्रत्यारोप के बजाय मुझे लगता है कि इसे चीफ सिकरेट्री को संज्ञान में लेना चाहिए और छह महीने के बाद शेष बचे विभागीय प्रक्रिया को पूरी कराई जानी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था के बाद मामला शांत हुआ।

प्रश्नकाल के दौरान सदन में दिव्यांगजनों को लेकर सवाल आया। मुद्दा ये था कि विभागीय प्रक्रिया में हो रहे अनावश्यक विलंब के कारण छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों में दिव्यांगजनों की ना तो भर्ती हो पा रही है और ना ही कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की पदोन्नति। वर्ष 2016 से अब तक विभागीय प्रक्रिया ही चल रही है। पदों के चिन्हाकंन जैसे प्रक्रिया में पूरे 9 साल लग गए हैं। सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि 24 विभागों से अभिमत आया है। अभी भी 26 विभागों से अभिमत आना शेष है। जब पूरे विभाग से अभिमत मिल जाएंगे उसके बाद ही पदों के चिन्हांकन का काम पूरा हो पाएगा।

मंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने मंत्री राजवाड़े से पूछा कि दिव्यांगजनों के विशेष भर्ती बैकलाग के लिए शासन द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। आपको पता भी है या नही। मंत्री का जवाब आता इसके पहले ही डा महंत ने राज्य सरकार पर आरोप मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि दिव्यांजनों के साथ सरकार और अधिकारी धोखा कर रहे हैं। भाजपा की घोषणा पत्र में लिखा गया है। आप लोग दिव्यांगजनों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। दोषी अफसरों काे सजा मिलनी चाहिए। विपक्ष के तीखे तेवर और मुद्दों से मंत्री को घिरती देखा तब विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और व्यवस्था दी। विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

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