CG Vidhansabha Budget Session 2025: नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा- यह तो नरसिंह अवतार वाली घटना थी, दिन में और ना रात….. तब प्रदेश में आचार संहिता का दौर चल रहा था…

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। विधायक भावना बोहरा ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछा था कि विशाखा समिति चिकित्सा शिक्षा के कौन-कौन से महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में सक्रिय/क्रियाशील है। चिकित्सा शिक्षा अंतर्गत इस समिति का प्रमुख कौन होता है एवं समिति में कितने सदस्य होते हैं । सदस्य बनने हेतु इसकी योग्यता क्या होती है। फिर उसने रायपुर आयुर्वेदिक कालेज में सैक्चुअल हरासमेंट के एक प्रकरण का जिक्र किया और कार्रवाई के संंबंध में जानकारी मांगी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने मंत्री से पूछा कि घटना की निश्चित तिथि बताइए। मंत्री ने जवाब दिया 2.11.2018 की घटना है। मंत्री के जवाब के बाद डा महंत ने कहा समझ रहे हैं ना, तब हमारी सरकार नहीं थी। अब तो यह परिपाटी सी चल गई है कि कोई सवाल पूछे तो पिछली सरकार की बात का हवाला दे दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष की बात समाप्त होते ही मंत्री जायसवाल ने कहा कि तब प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा था और आचार संहिता प्रभावशील था।
विधायक बोहरा ने स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल से पूछा कि वर्ष 2021 से 2025 तक आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में विशाखा समिति को कितने शिकायत या आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्राप्त शिकायतों में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है। निराकरण पश्चात कितनी शिकायतों में पुनः सुनवाई/कार्यवाही हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। मंत्री के जवाब के बाद विधायक बोहरा ने कहा कि 2017 18 में रायपुर के आयुर्वेदिक कालेज में सैक्चुअल हरासमेंट का एक प्रकरण हुआ था। कालेज की स्टूडेंट्स के साथ एक प्रोफेसर द्वारा उत्पीड़न की शिकायत विशाखा समिति से की गई थी। स्टूडेंट ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विधायक बोहरा ने आरोप लगाया कि विशाखा कमेटी में शामिल एक महिला अधिकारी जिसने प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया था उसे समिति से ही बाहर कर दिया गया है। यौन उत्पीड़न के दोषी प्रोफेसर को दंडित करने के बजाय प्रमोशन दे दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, रिपोर्ट आ गई है, तीन दिन के भीतर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी
मंत्री ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि हाई कोर्ट ने इस घटना को संज्ञान में लिया था। मामले की सुनवाई के बाद राज्य शासन को जांच का निर्देश दिया था। मंत्री ने बताया कि विशाखा समिति की जांच रिपोर्ट आ गई है। यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी व्यक्ति के खिलाफ तीन दिन के भीतर कार्रवाई करेंगे।