71 हजार से ज्यादा SIM ब्लॉक, 'फर्जीवाड़ा' हुआ एक्सपोज! अब 'फेस रिकॉग्निशन' से नहीं बचेंगे क्रिमिनल, जानें कैसे रहें सुरक्षित

SIM Card Block 2025: देश में साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी इसे रोकने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रही है। हाल ही में, टेलीकम्युनिकेशन विभाग (DoT) ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए सिर्फ 90 दिनों में 71 हजार से भी ज्यादा SIM कार्ड बंद कर दिए हैं। यह कार्रवाई आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में की गई है। ये सारे SIM गलत तरीके से हासिल किए गए थे और इनका इस्तेमाल ज्यादातर लोगों को ठगने के लिए हो रहा था। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से।
फर्जी पहचान से किए गए SIM कार्ड रजिस्टर
दरअसल, टेलीकम्युनिकेशन विभाग के अनुसार, ये जो 71 हजार से भी ज्यादा SIM कार्ड ब्लॉक किए गए हैं, उन्हें फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके रजिस्टर करवाया गया था। धोखेबाजों ने सिम बेचने वाले एजेंट्स (Point of Sale – PoS) के साथ मिलकर गलत तरीके से ये सिम हासिल किए। इसके बाद इन सिम का इस्तेमाल करके लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई। इस तरह के फ्रॉड बहुत तेजी से फैल रहे थे, लेकिन अब सरकार इस पर सख्ती से लगाम कस रही है।
साइबर ठगी रोकने के लिए जनता का सहयोग जरूरी
सरकार का कहना है कि साइबर ठगी को रोकने के लिए लोगों का साथ भी बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई भी शक वाला कॉल या मैसेज आता है, तो तुरंत उसकी जानकारी सरकार को दें। इसके लिए आप संचार साथी पोर्टल (sancharsaathi.gov.in) पर शिकायत कर सकते हैं या फिर 1930 नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं। आपकी एक छोटी सी जानकारी भी बहुत से लोगों को ठगी से बचा सकती है।
ASTR टेक्नोलॉजी से फर्जी SIM पकड़ने में मिली सफलता
SIM फ्रॉड को पकड़ने के लिए टेलीकम्युनिकेशन विभाग ने एक नई टेक्नोलॉजी लॉन्च की है, जिसका नाम है ASTR। यह सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और चेहरे की पहचान (फेशियल रिकॉग्निशन) जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस है। यह टूल SIM कार्ड रखने वालों का पूरा रिकॉर्ड रखता है और अगर एक ही व्यक्ति के नाम पर कई SIM कार्ड हैं – चाहे वे अलग-अलग पते या नामों से ही क्यों न लिए गए हों – तो यह सिस्टम तुरंत पकड़ लेता है। इसी टेक्नोलॉजी की मदद से हजारों फर्जी SIM कार्ड को बंद किया गया है।
टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी तय
टेलीकम्युनिकेशन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो टेलीकॉम कंपनियां (Telecom Service Providers – TSPs) SIM कार्ड जारी करती हैं, उनकी यह जिम्मेदारी है कि वे SIM देने से पहले सही तरीके से जांच करें। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है, क्योंकि लाइसेंस की शर्तों में यह बात साफ तौर पर लिखी हुई है। इसके अलावा, SIM कार्ड को किसी और को देना भी गैरकानूनी है। जिस व्यक्ति के नाम पर SIM है, वही उसका इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार है। फर्जी SIM कार्ड लेना एक गैर-जमानती अपराध है, इसलिए सभी को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
जानें कैसे रहें सुरक्षित
साइबर अपराध से सुरक्षित रहने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
▪︎अंजान नंबरों से सावधान रहें: अगर आपको किसी अनजान नंबर से कॉल या मैसेज आता है, तो उस पर भरोसा न करें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही अपनी कोई निजी जानकारी दें।
▪︎ओटीपी कभी न बताएं: कभी भी किसी को अपना वन-टाइम पासवर्ड (OTP) न बताएं, चाहे वह खुद को बैंक या किसी कंपनी का कर्मचारी ही क्यों न बताए।
▪︎संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: अगर आपको कोई भी कॉल या मैसेज शक वाला लगे, तो तुरंत संचार साथी पोर्टल (sancharsaathi.gov.in) पर रिपोर्ट करें या 1930 पर कॉल करें।
▪︎अपने नाम पर जारी SIM की जानकारी रखें: आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम पर कितने SIM कार्ड जारी हैं और उनका इस्तेमाल कौन कर रहा है। आप संचार साथी पोर्टल पर इसकी जानकारी ले सकते हैं।
▪︎गैर-कानूनी तरीके से SIM न खरीदें: कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति से SIM कार्ड न खरीदें, जिस पर आपको शक हो या जो बिना पहचान पत्र के SIM दे रहा हो।
▪︎अपना SIM किसी और को न दें: अपना SIM कार्ड कभी भी किसी और व्यक्ति को इस्तेमाल करने के लिए न दें। जिसके नाम पर SIM है, वही उसका इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार है।
▪︎अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रखें: अपनी बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड नंबर या कोई भी संवेदनशील जानकारी किसी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट पर न डालें।
▪︎मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें: अपने मोबाइल और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और उन्हें समय-समय पर बदलते रहें।