Chhatisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा की हो रही पढ़ाई, पीजी डिग्रीधारियों को रोजगार देने सरकार ने अब तक नहीं बनाई योजना…

Chhatisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा की हो रही पढ़ाई, पीजी डिग्रीधारियों को रोजगार देने सरकार ने अब तक नहीं बनाई योजना…

Chhatisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ की दो सरकारी और तीन प्राइवेट विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पोस्ट ग्रैजुएट की पढ़ाई कराई जा रही हैं। पिछले पांच साल में 219 विद्यार्थियों ने एमए छत्तीसगढ़ी की उपाधि प्राप्त कर ली है। छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को रोजगार देने हेतु सरकार की कोई योजना नहीं है और ना ही सरकार ने ऐसी कोई योजना बनाई है। ऐसी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री ने विधानसभा में लिखित रुप से दी है।

प्रदेश के महाविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा में अध्यापन और रोजगार को लेकर

कांग्रेस विधायक अनिला भेडिया ने विधानसभा में प्रश्न पूछा था। उन्होंने पूछा था कि प्रदेश के किन-किन विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा के माध्यम से एम.ए. (पी.जी.) कोर्स का संचालन कब से किया जा रहा है? संचालित विश्वविद्यालयों में वर्ष 2020 से जनवरी, 2025 की स्थिति में कितने विद्यार्थियों ने एम.ए. की उपाधि प्राप्त की है? छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को रोजगार/नौकरी देने हेतु सरकार द्वारा क्या-क्या योजना बनाई गई तथा कितने डिग्रीधारी को नौकरी प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश के 02 राजकीय विश्वविद्यालय (1) पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (संचालन वर्ष 2013-14) (2) कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर (संचालन वर्ष 2022-23) तथा 03 निजी विश्वविद्यालय (1) डॉ. सी.व्ही. रमन विश्वविद्यालय, बिलासपुर (संचालन वर्ष 2018-19) (2) आईएसबीएम. विश्वविद्यालय, गरियाबंद (संचालन वर्ष 2017-18) (3) भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग (संचालन वर्ष 2024-25) में एमए छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई हो रही है और उन्हें कोर्स संचालन हेतु मान्यता दी गई है। वर्ष 2020 से जनवरी 2025 की स्थिति में कुल 219 विद्यार्थियों को एम.एम. (छत्तीसगढ़ी) की उपाधि दी गयी है। छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को रोजगार/ नौकरी देने हेतु सरकार की कोई योजना नहीं है। डिग्रीधारी नौकरी पाने वाले विद्यार्थी की संख्या की जानकारी का संधारण भी नहीं किया जाता है।

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