CG Medical PG Admission: छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया रद्द, हाई कोर्ट ने नए सिरे से काउंसलिंग का जारी किया आदेश….

CG Medical PG Admission: छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया रद्द, हाई कोर्ट ने नए सिरे से काउंसलिंग का जारी किया आदेश….

CG Medical PG Admission: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्नातकोत्तर (पीजी) चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने प्रवेश प्रक्रिया को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश जारी किया और नए सिरे से दोपारा काउंसलिंग (री-काउंसलिंग) कराने के निर्देश दिए। इस फैसले से सभी प्रभावित उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।

याचिकाकर्ता डा. यशवंत राव और डा. पी. राजशेखर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि वे सेवारत डाक्टर हैं और उन्होंने 2024 की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की थी। नियमों के अनुसार, सेवारत श्रेणी में पात्रता के लिए उम्मीदवार को 31 जनवरी 2024 तक कम से कम तीन वर्षों की सेवा पूरी करनी अनिवार्य थी। लेकिन काउंसलिंग के दौरान यह सामने आया कि कई अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने सेवा अवधि की गणना में हेरफेर कर कटआफ तारीख के बाद भी कुछ उम्मीदवारों को सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया, जिससे योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन हुआ। शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा।

कोर्ट ने पाई गड़बड़ी, स्ट्रे राउंड काउंसलिंग पर लगाई रोक

याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ में हुई। प्रारंभिक सुनवाई में ही हाई कोर्ट ने पाया कि एक निजी उम्मीदवार को कटआफ डेट के बाद सीट आवंटित की गई थी, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके बाद कोर्ट ने स्ट्रे राउंड काउंसलिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि, यह आदेश केवल याचिकाकर्ताओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन सभी उम्मीदवारों पर लागू होगा, जो समान परिस्थिति में हैं। राज्य के महाधिवक्ता ने भी अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि शिकायतें प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रही हैं।

हाई कोर्ट ने पूरी प्रवेश प्रक्रिया की निरस्तीकरण के दिए आदेश

गुरुवार को अंतिम सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार करते हुए मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त करने का आदेश दिया। राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे नए सिरे से पूरी प्रक्रिया संचालित करें। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि पूरे मामले की जांच कर उपयुक्त प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए। अब मेडिकल पीजी प्रवेश के लिए पुनः काउंसलिंग आयोजित की जाएगी, जिससे प्रभावित छात्रों को नया अवसर मिलेगा।

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