CM Vishnudeo Sai: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं से किसानों की बदल रही तकदीर, खेती से हो रहा दोगुना लाभ…

CM Vishnudeo Sai: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं से किसानों को धान के अलावा अन्य फसल की खेती से लाभ मिल रहा है। उद्यानिकी विभाग जशपुर के द्वारा किसानों को अच्छी फसल लेने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। ताकि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य फसल और उन्नत पुष्प उत्पादन ले सके।
इसी कड़ी में जशपुर के कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम हथगड़ा निवासी लक्ष्मण कुमार बंजारा को विभाग द्वारा पुष्प उत्पादन के महत्व और मार्गदर्शन दिया गया बंजारा का परिवार पहले से ही परम्परागत खेती करते थे। जिससे बहुत ही कम आय होता था।
किसान ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के द्वारा उन्हें पुष्प उत्पादन के महत्व एवं लाभ के विषय तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया एवं स्वयं के साधन से अपने बाड़ी में गेंदा पौध रोपण किया गया था। समय-समय पर उद्यानिकी विभाग के सलाह द्वारा गेंदा की उन्नत खेती किया गया और लक्ष्मण आज खेती करके संतुष्ट हैं।
किसान ने भविष्य में उन्नत पुष्प उत्पादन करके अपने वार्षिक आय में बढ़ोतरी करने की बात कही।
ग्राम हथगड़ा क्षेत्र के अन्य कृषक ड्रीप एवं मल्चिंग खेती करने की इच्छा जाहिर की है। कृषक धान ही लगाने में अधिक रूचि लेते थे। लेकिन अब लक्ष्मण कुमार बंजारा की बागवानी देखकर अन्य किसान भी फूलों की खेती में रुचि ले रहे हैं।
कम लागत, अधिक मुनाफा, जल संरक्षण में मिली सफलता
जल संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने के लिए संचालित पानी बचाओ अभियान का सकारात्मक असर अब बालोद जिले में दिखने लगा है। डौंडी विकासखंड के ग्राम छिंदगांव के आदिवासी कृषक श्रवण कुमार के लिए यह अभियान आर्थिक रूप से अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ। पूर्व में ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने वाले श्रवण कुमार ने जिला प्रशासन और कृषि विभाग के मार्गदर्शन से इस बार अपनी 2 एकड़ भूमि में मक्का की खेती की। इससे उन्हें 88,200 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई, जो धान की तुलना में दोगुनी है।
किसान श्रवण कुमार ने बताया कि मक्का उत्पादन पर कुल 11,800 रुपये का खर्च आया, जिसमें खाद, बीज और अन्य व्यवस्थाएं शामिल थीं। वहीं, मक्का की बिक्री से 1 लाख रुपये की आमदनी हुई, जिससे उन्हें 88,200 रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। इसके विपरीत, गर्मी के मौसम में धान की खेती में ज्यादा लागत और पानी अधिक लगता है और उसकी तुलना में लाभ कम होता है।
मक्के की खेती से न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई, बल्कि पानी की खपत भी अत्यंत कम रही, जिससे भूजल संरक्षण में भी मदद मिली। इसके अलावा, मक्के के अवशेष खेतों में सड़ाने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार हुआ, जिससे खरीफ सीजन में धान का उत्पादन प्रति एकड़ 3-4 क्विंटल बढ़ गया। इस सफलता से प्रेरित होकर श्रवण कुमार ने इस वर्ष भी रबी सीजन में मक्का की खेती करने का निर्णय लिया है।
किसान श्रवण कुमार ने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में संचालित पानी बचाओ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन की प्रेरणा से वे धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती के लिए प्रेरित हुए हैं, जिसका लाभ भी मिला है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति होगी, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
जशपुरनगर में किसान लिबनुस आम की कर रहे अच्छी खेती
उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं से जिले के दूरस्थ अंचल के किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। जिसके तहत विभाग द्वारा राज्य पोषित योजना अंतर्गत आम सघन फलोद्यान नवीन रोपण विस्तार योजना से कृषकों का लाभ देने के दिशा में अभिनव पहल किया गया है।
योजना के तहत् जशपुर विकासखण्ड के बड़ा करौंजा निवासी लिबनुस ने 1.000 हेक्टर में आम की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया की पहले उक्त भूमि परती रहती थी जिसके कारण उस जमीन पर उत्पाद नहीं हो पाता था। जशपुर उद्यान विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया और अपने जमीन पर आम खेती करना शुरू किया और अच्छा फसल मिलने से लाभ भी बढ़िया होने लगा उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि वर्तमान में रोपे गए समस्त पौधे जीवित एवं फलदार अवस्था में है। किसान ने बताया कि उनके खेत में आम 6.00 किवंटल तक मौसम अनुसार हो जाता है। मार्केट में वर्तमान मूल्य आम का हिसाब से विक्रय किया जाता है।
कृषक लिबनुस ने कहा कि उस क्षेत्र के अन्य किसान भी आम और अन्य फलों की खेती करने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। और आम की खेती को अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव बोले–विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को बिहार के भागलपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की। इसके तहत देश भर के 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 22,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। इनमें छत्तीसगढ़ के 25 लाख 95 हजार 832 किसान शामिल हैं। इन किसानों खाते में 599 करोड़ 38 लाख रुपए की सम्मान निधि भेजी गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी पीएम किसान सम्मान निधि कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों को बधाई दी और उन्हें सम्मानित भी किया।
मुख्यमत्री विष्णु देव साय ने कहा कि अन्नदाताओं का सम्मान माँ अन्नपूर्णा के सम्मान की तरह है। चौदह महीनों के अंतराल में हमने किसान भाइयों के खाते में करीब एक लाख करोड़ रुपए भेजा है। अन्नदाताओं को अच्छा मूल्य मिलने से उनके जीवन खुशहाली आयी है। किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों की समृद्धि से ही मजबूत ग्रामीण विकास का आधार तैयार हुआ है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे बेहतर हुई है। अन्नदाताओं के श्रम से मिली शक्ति और उत्साह से ही हम छत्तीसगढ़ को संवार रहे हैं। विकसित छत्तीसगढ़-विकसित भारत बनाने में किसानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अब तक 9712 करोड़ 58 लाख रुपए की सम्मान निधि प्रदेश के किसानों को दी जा चुकी है। वर्ष 2023-24 की तुलना में 2 लाख 75 हजार से अधिक किसान भाइयों को इस योजना का लाभ मिला है। इस योजना का लाभ हमारे 2 लाख 34 हजार वन पट्टा धारी किसानों और 32 हजार 500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति के किसान भाइयों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए कृषि भूमि की अनिवार्यता को शिथिल किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों को मोदी जी ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की गारंटी दी थी। हमारी सरकार ने यह वायदा निभाया है। साथ ही किसानों को दो साल का बकाया बोनस देने की गारंटी भी दी गई थी। शपथ ग्रहण के एक पखवाड़े के भीतर ही हमने 13 लाख किसानों के खाते में बोनस की 3716 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी थी। पिछली बार हमने 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की। किसानों को दिये गये धान के मूल्य के साथ बोनस राशि शामिल कर लें तो पिछले खरीफ सीजन में किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए भेजे गए। इस खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की रिकार्ड खरीदी हमने की। इस सीजन में विभिन्न योजनाओं से मिलने वाली राशि मिला लें तो लगभग 52 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में हमने भेजी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उनका जोर उद्यानिकी फसलों, फसल विविधीकरण तथा पशुपालन पर भी है। हम उद्यानिकी तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने विशेष कार्य कर रहे हैं। साथ ही पशुपालन को प्रोत्साहन देते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी के साथ हमने एमओयू भी किया है। इससे दुग्ध क्रांति की दिशा में प्रदेश अग्रसर हो गया है। हमारी सरकार लगातार किसानों की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन किसानों के खाते में दस-दस हजार रुपए की राशि भी हमने दी है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य वनोषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय कुलपति गिरिश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, कृषि विभाग के संचालक डॉ सारांश मित्तर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।