Chhattisgarh News: विष्णु देव साय सरकार की नई शिक्षा नीति और गुणवत्तायुक्त प्रयासों से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव…

Chhattisgarh News: विष्णु देव साय सरकार की नई शिक्षा नीति और गुणवत्तायुक्त प्रयासों से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव…

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के शिक्षा तंत्र को मजबूत करने और हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने से लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का पुनर्गठन, और तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के अवसर बढ़ाने तक, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत की है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ये सुधार राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शिता और प्रयासों के कारण शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य की शिक्षा नीति और योजनाएं न केवल छात्रों को भविष्य के लिए तैयार कर रही हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही हैं।

बेहतर होती शिक्षा व्यवस्था

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन

नई संरचना (5+3+3+4): शिक्षा में समतामूलक और समावेशी दृष्टिकोण अपनाते हुए पुरानी 10+2 संरचना को हटाकर नई प्रणाली लागू की गई है।

स्थानीय भाषाओं में शिक्षा: कक्षा 5 तक के बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा-बोली में पढ़ाने की व्यवस्था।

– प्रारंभिक चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी, और कुडुख में पाठ्यपुस्तकों का निर्माण।

कौशल शिक्षा: आदिवासी बच्चों के लिए रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उन्नत शिक्षा की शुरुआत, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में।

नक्सल क्षेत्रों में शिक्षा का पुनर्गठन

29 बंद स्कूलों का पुनः संचालन: नक्सलियों द्वारा क्षतिग्रस्त और बंद कराए गए स्कूलों को फिर से खोला गया।

1 फीसदी दर पर ब्याज रहित शिक्षा ऋण:

– नक्सल प्रभावित जिलों के छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए बिना ब्याज ऋण। अन्य जिलों के छात्रों को 1% ब्याज दर पर ऋण।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना

– 2 लाख रुपए वार्षिक आय से कम वाले परिवारों के विद्यार्थियों को तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ब्याज अनुदान।

– 4 लाख रुपए अधिकतम ऋण की सीमा

पीएम श्री योजना के तहत स्कूलों का उन्नयन

341 स्कूलों का प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत उन्नयन किया जा रहा है।

– इन स्कूलों को बेहतर संसाधन, शिक्षण उपकरण और डिजिटल सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा का विस्तार

• राज्य में प्रौद्योगिकी संस्थान

o जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में आईआईटी की तर्ज पर संस्थानों का निर्माण।

o छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन की स्थापना की जाएगी।

• विद्या समीक्षा केंद्र

o रायपुर में स्थापित इस केंद्र के माध्यम से छात्रों के प्रदर्शन की निगरानी होगी।

o आईआईटी भिलाई के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप विकसित किया गया है।

सामुदायिक सहयोग से पोषण आहार

• न्यौता भोज: स्कूली बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए सामुदायिक भागीदारी के तहत न्यौता भोज की अभिनव पहल शुरू की गई है।

शोध, नवाचार और कौशल विकास

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तकनीकी शिक्षा

• नई शिक्षा नीति को तकनीकी शिक्षा विभाग में लागू किया गया है।

• इससे छात्रों को समग्र और लचीले शिक्षा मॉडल के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण मिलेगा।

• नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए नए संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराए गए हैं।

संगीत और कला शिक्षा का प्रोत्साहन

• मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ के चक्रधर समारोह में संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।

• कला और संस्कृति के क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।

राज्य में शिक्षा का डिजिटल रूपांतरण

• आईआईटी भिलाई का सहयोग

o विद्या समीक्षा केंद्र के जरिए छात्रों और स्कूलों की डिजिटल मॉनिटरिंग।

o कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर आधारित विश्लेषण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

• ऑनलाइन और हाइब्रिड शिक्षा:

o महामारी के बाद के दौर में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों का विकास।

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सामाजिक और आर्थिक लाभ

• नई शिक्षा नीति और योजनाओं के माध्यम से कमजोर और पिछड़े वर्गों के छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिले हैं।

• तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा से राज्य को कुशल कार्यबल मिलेगा, जो उद्योगों की मांग को पूरा करेगा।

आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास

• रोबोटिक्स और एआई जैसी उन्नत शिक्षा से आदिवासी युवाओं को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा।

• नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों को पुनः खोलने और छात्रों को ऋण सहायता से विकास और शांति को बढ़ावा मिलेगा।

सांस्कृतिक समृद्धि

• संगीत महाविद्यालय और स्थानीय भाषाओं में शिक्षा के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित किया जाएगा।

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