Man with 5 Kidneys: शरीर एक किडनी 5…जान बचाने के लिए डॉक्टरों का चमत्कार, जानिए अनोखा मामला..

Man with 5 Kidneys: शरीर एक किडनी 5…जान बचाने के लिए डॉक्टरों का चमत्कार, जानिए अनोखा मामला..

Man with 5 Kidneys: चेन्नई में एक शख्स के शरीर में 5 किडनी है. यह सुनने में शायद आपको असंभव लगे, लेकिन यह पूरी तरह से सच है. विज्ञान भी कई बार ऐसे-ऐसे चमत्कार करता है जिसके बारे में कोई सुनभर ले तो हैरान रह जाए. बेशक विज्ञान वक्त के साथ विकसित हुआ है मगर हाल ही में विज्ञान और चिकित्सा के जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों की उम्मीदें चिकित्सा में तो बढ़ा ही दी हैं.

दरअसल, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में कार्यरत बारलेवार का तीन बार किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है. बता दें कि वर्तमान में 47 साल के देवेंद्र बारलेवार के शरीर में पांच किडनी हैं, हालांकि पांच किडनी में से केवल एक किडनी ही काम कर रही है.

क्रोनिक किडनी रोग से ग्रस्त थे बारलेवार

मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक बारलेवार लंबे समय से क्रोनिक किडनी रोग से ग्रस्त थे और उन्हें समय-समय पर डायलिसिस की जरूरत पड़ रही थी. साल 2010 में डॉक्टरों ने बारलेवार का सबसे पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया था. उन्हें पहली किडनी उनकी मां से मिली थी. ये किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा था और लगभग एक साल उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ी.

कोविड होने पर फिर डायलिसिस जाने पर मजबूर

साल 2012 में देवेंद्र का दूसरा ट्रांसप्लांट किया गया था. साल 2022 तक सब सही चल रहा था और किडनी सही से काम कर रही थी. लेकिन कोविड होने के कारण बारलेवार फिर से डायलिसिस पर जाने के लिए मजबूर हो गए. जब से वो डायलिसिस के सहारे ही अपनी जिंदगी काट रहे थे. हालांकि साल 2023 में एक मृत ने अपना अंग दान किया और एक बार फिर से देवेंद्र बारलेवार को किडनी मिल गई. ये किड़नी ब्रेन-डेड डोनर ने दी थी.

सफल रहा ट्रांसप्लांट

अमृता अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार और यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. अनिल शर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस साल जनवरी में देवेंद्र बारलेवार का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया. करीब 10 दिन बाद बारलेवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और उनकी नई किडनी सामान्य रूप से काम करने लगी है. तीसरी किडनी बारलेवार की अपनी किडनी और अन्य ट्रांसप्लांट किडनी के बीच दाईं ओर लगाई गई थी.

यह ट्रांसप्लांट एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी क्योंकि लंबे समय से चल रही क्रोनिक किडनी की बीमारी और पहले से कई असफल ट्रांसप्लांट के कारण अंग अस्वीकृति का खतरा बढ़ जाता है. चार किडनी होने के बावजूद पांचवीं किडनी लगाना काफी मुश्किल था, लेकिन योजना के तहत यह ट्रांसप्लांट सफल रहा.

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