American Sena Transgender Bharti Rok: अमेरिकी सेना में बड़ा फैसला! ट्रांसजेंडर सैनिकों पर बैन, वैक्सीन मना करने वालों को मिलेगी वापसी

American Sena Transgender Bharti Rok: अमेरिकी सेना ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट के जरिए बताया कि अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा। साथ ही, मौजूदा सैनिकों को लिंग परिवर्तन की इजाजत नहीं दी जाएगी। यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस वादे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में सिर्फ दो लिंग (मर्द और औरत) माने जाएंगे।
ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही इस नीति को लागू कर दिया। उन्होंने बाइडेन प्रशासन के 2021 के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेवा की अनुमति दी गई थी।
पहले भी लग चुकी है रोक
- 2017 में: ट्रंप ने पहले कार्यकाल में ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाया था।
- 2021 में: बाइडेन ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था।
- 2025 में: ट्रंप ने दोबारा सत्ता में आते ही बाइडेन के फैसले को पलट दिया।
पेंटागन के आंकड़े:
- अमेरिकी सेना में कुल सैनिक: 13 लाख
- ट्रांसजेंडर सैनिक: लगभग 15,000
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने 7 फरवरी को एक अदालत में एफिडेविट देकर बताया कि सेना में ट्रांसजेंडर की भर्ती पर रोक लगा दी गई है।
वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सैनिकों को मिलेगा मौका
अमेरिकी सेना ने कोविड वैक्सीन न लगवाने पर निकाले गए 8,000 सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है। इन्हें उनकी पुरानी रैंक और पूरी सैलरी के साथ सेना में शामिल किया जाएगा। हालांकि, इन सैनिकों को फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
- साल 2021 में, कोरोना वैक्सीन लेने से इनकार करने वाले सैनिकों को नौकरी से निकाल दिया गया था।
- अब ट्रंप प्रशासन ने उन्हें वापस बुलाने का आदेश दिया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
- ट्रंप का एजेंडा: “अमेरिका को पारंपरिक मूल्यों पर लौटाना”।
- सेना की तैयारी: लिंग-आधारित नीतियों से सेना की कार्यक्षमता बढ़ाना।
- राजनीतिक दबाव: ट्रंप के समर्थकों की मांग पर यह कदम उठाया गया।
विरोधियों की प्रतिक्रिया:
- मानवाधिकार संगठनों ने इसे “भेदभावपूर्ण” बताया है।
- ट्रांसजेंडर समुदाय ने कहा है कि यह फैसला “उनके अधिकारों पर हमला” है।
क्या होगा आगे?
अमेरिकी सेना के इस फैसले पर कई अदालती केस होने की उम्मीद है। ट्रांसजेंडर अधिकार समूहों ने इसे चुनौती देने की घोषणा की है। वहीं, वैक्सीन न लगवाने वाले सैनिकों की वापसी से सेना में मनोबल बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।