Trump Auto Tariff 2025: ट्रंप का नया हमला! 2025 से अमेरिका में इंपोर्टेड कारों पर भारी टैरिफ, भारत-चीन समेत किन देशों को होगा नुकसान?

Trump Auto Tariff 2025: अअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया टैरिफ ऐलान किया है। इस टैरिफ का असर अमेरिका में आने वाले ऑटोमोबाइल्स पर होगा और इसे 2 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करते हुए संभावित तारीख की घोषणा की। यह कदम उनके दूसरे शपथ ग्रहण के बाद से जारी कई ऐलानों में से एक है।
क्या है नया टैरिफ?
- ऑटोमोबाइल्स पर लागू: अमेरिका में आने वाली कारों और अन्य वाहन उद्योग से जुड़ी वस्तुओं पर टैरिफ लगेगा।
- लागू होने की तिथि: 2 अप्रैल 2025 से यह नियम प्रभावी होगा।
इसके अलावा, ट्रंप ने पहले से ही चीन से आने वाले सभी सामानों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए हैं। मेक्सिको से माल और कनाडा से नॉन-एनर्जी आयातों पर 25% के नए टैरिफ की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में एक महीने के लिए टाल दिया गया। साथ ही, अमेरिका में आने वाली स्टील और एल्युमीनियम पर भी 25% टैरिफ 12 मार्च से लगाने की तैयारी की जा रही है। ट्रंप ने यह भी निर्देश दिया है कि अमेरिकी सामान पर टैक्स लगाने वाले हर देश के खिलाफ रिसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाएँ।
टैरिफ के पीछे ट्रंप के तर्क
ट्रंप का मानना है कि इस कदम से विदेशों में अमेरिकी सामानों के लिए समान अवसर मिलेंगे और लंबे समय से कमजोर पड़ चुके अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई जान मिलेगी। उनका कहना है कि यह कदम अमेरिका के आर्थिक हितों की सुरक्षा में मदद करेगा, हालांकि इस फैसले से पुराने सहयोगी देशों में नाराजगी और महंगाई को लेकर चिंता भी बढ़ी है।
टैरिफ के प्रभाव और विदेशी बाजार पर असर
विदेशी बाजारों में असमान व्यवहार:
- ट्रंप लंबे समय से अमेरिकी ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार को लेकर चिंतित रहे हैं। उदाहरण के तौर पर:
- यूरोपीय संघ: अमेरिका से आने वाले व्हीकल्स पर 10% टैरिफ वसूलता है, जो अमेरिकी पैसेंजर कार टैरिफ रेट (2.5%) से कई गुना अधिक है।
- इंपोर्टेड पिकअप ट्रक: अमेरिका पर 25% का टैरिफ लगाया जाता है, जबकि ये ट्रक अत्यधिक प्रॉफिटेबल हैं।
ऑटो डेटा कलेक्टर वार्ड्स इंटेलिजेंस के अनुसार, पिछले साल अमेरिका में बेचे गए नए व्हीकल्स में से लगभग एक चौथाई इंपोर्टेड थे। (इस डेटा में अमेरिका, कनाडा या मैक्सिको में बने व्हीकल्स शामिल नहीं हैं।)
नए टैरिफ से ट्रंप का उद्देश्य विदेशों में अमेरिकी उत्पादों के लिए एक समान प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार करना है। इससे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। फिर भी, विशेषज्ञों और उपभोक्ताओं के बीच चिंता बनी हुई है कि इन टैरिफ के कारण महंगाई और व्यापारिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
ट्रंप का नया टैरिफ कदम अमेरिकी व्यापार नीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। जहां एक ओर यह कदम घरेलू उद्योगों को मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है, वहीं दूसरी ओर इससे विदेशी बाजारों में तनाव और महंगाई की समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।