CG School: छात्रों से धोखा! CBSE का कोर्स पढ़ाया और परीक्षा सीजी बोर्ड से, पालकों ने किया स्कूल में हंगामा
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CG School: रायपुर। छत्तीसगढ़ क़े प्राइवेट स्कूलों में रोज हंगामा हो रहा है. अभिभावकों का आरोप है कि उनके बच्चों को सीबीएसई मान्यता का स्कूल बता एडमिशन दिया गया और परीक्षा भी सीबीएसई से होना बताया गया पर साल भर की पढ़ाई के बाद अब परीक्षा सीजी बोर्ड से देने के लिए स्कूल प्रबंधन प्रेशर डाल रहा है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों पर प्राइवेट स्कूल वालों से मिलकर संगठित गिरोह बना 500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष वसूली का आरोप लगाया है।
दरअसल अब तक पांचवी और आठवीं की कक्षा में जनरल प्रमोशन देकर अगले क्लास में प्रोन्नति दी जाती थी। जिसका फायदा उठाकर प्रदेश में संचालित कई ऐसे स्कूल जिन्हें सीबीएसई की मान्यता नहीं है उनके द्वारा सीबीएसई मान्यता प्राप्त होना बता विद्यार्थियों को एडमिशन दिया गया और सीबीएसई स्कूलों के हिसाब से फीस वसूली की गई तथा सीबीएसई स्कूल के सेंट्रल बोर्ड के पैटर्न की किताबें भी विद्यार्थियों को बेची गई। पर इस वर्ष केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पांचवी आठवीं की परीक्षा को बतौर बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया।
जनरल पदोन्नति बंद कर दी गई। इसके साथ ही स्कूलों का या फर्जीवाड़ा सामने आया। अब छात्रों को सीजी बोर्ड के परीक्षार्थी के रूप में नामांकित का परीक्षा में शामिल करने की तैयारी स्कूल प्रबंधन की है। जबकि स्कूल प्रबंधन के द्वारा जब सीबीएसई मान्यता बता एडमिशन दिया गया और साल भर इस पैटर्न से पढ़ाई करवाई गई तो सीबीएसई विद्यार्थी के रूप में नामांकित करवा सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन में परीक्षार्थी के रूप में शामिल करवाना था,ना कि सीजी बोर्ड में।
कल गुरुवार को आरंग के ग्राम रसनी के केपीएस पब्लिक स्कूल में पालकों ने इस मामले में जमकर हंगामा किया। बच्चों के पैरंट्स ने केपीएस प्रबंधन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। गुरुवार सुबह को स्कूल पहुंचे पालकों ने हंगामा करते हुए बच्चों का भविष्य बर्बाद करने का आप स्कूल प्रबंधन पर लगाया। इस दौरान पालकों की स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों वी टीचिंग स्टाफ से बहस भी हुई। पालकों के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने सीबीएसई की मान्यता होने का हवाला दे एडमिशन दिया था। केपीएस स्कूल का एक ब्रांच नया रायपुर में भी है। प्रबंधन ने रसनी के ब्रांच में एडमिशन दिया था।
पालकों का कहना है कि सीबीएसई स्कूल की मान्यता होने की जानकारी उन्हें एडमिशन के समय दी गई थी। इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को यहां एडमिशन करवाया। सीबीएसई के पाठ्यक्रम और सुविधा के हिसाब से यहां महंगी फीस भी वसूली। साल भर सीबीएसई पैटर्न में पढ़ाई के बाद अब 17 मार्च से होने वाली परीक्षा में सीजी बोर्ड के पैटर्न में परीक्षा दिलाने के लिए कहा जा रहा है। पालकों का आरोप है कि यदि शिक्षा विभाग में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य कर भी दी है तो सीबीएसई पैटर्न से दिलवाई जाए क्योंकि उनके बच्चों को तो एडमिशन सीबीएसई पैटर्न की मान्यता होना बता दिया गया था।
नाराज पालकों की मांग है कि बच्चों को फिर से नया रायपुर के केपीएस ब्रांच में शिफ्ट किया जाए और और सीबीएसई पैटर्न पे बोर्ड परीक्षा दिलवाई जाए। बता दे इस स्कूल में बीएसएफ सीआरपीएफ व अन्य केंद्रीय उपक्रमों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। हंगामा की सूचना मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने कृष्णा पब्लिक स्कूल आरंग को नोटिस भेज कर मंगलवार तक जवाब मांगा है। मंगलवार तक विद्यार्थियों की समस्या का समाधान नहीं होने पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने इसे संगठित घोटाला बताया है। विकास तिवारी के अनुसार अब तक के शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पांचवी–आठवीं कक्षाओं में जनरल प्रमोशन दे दिया जाता था जिसके चलते बोर्ड परीक्षा नहीं होती थी और इसी लूप होल का फायदा उठाकर प्राइवेट स्कूल प्रबंधन खुद को सीबीएसई मान्यता होना बता विद्यार्थियों का एडमिशन ले लेते हैं और उनसे सीबीएसई पैटर्न, पाठ्यक्रम और सुविधा के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं । केपीएस स्कूल के ही विभिन्न जिलों में 40 से 50 ब्रांच है, उनमें भी यह धांधली हो रही है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन के द्वारा निश्चित दुकानों से सीबीएसई पैटर्न के पुस्तक खरीदने का दबाव बनाया जाता है, जिसमें इनका कमीशन बंधा होता है। विकास तिवारी ने कहा कि यह संगठित लूट का खेल संगठित स्तर पर लोक शिक्षण संचालनालय में पदस्थ अधिकारियों के संरक्षण पर चल रहा है।