CGMSC Scam: NPG एक्सक्लूजिव: पढ़िये CGMSC घोटाले की जांच रिपोर्ट…कैसे बिना बजट और जरूरत के 300 करोड़ का रीएजेंट और जांच मशीनें खरीद डाला…

CGMSC Scam: NPG एक्सक्लूजिव: पढ़िये CGMSC घोटाले की जांच रिपोर्ट…कैसे बिना बजट और जरूरत के 300 करोड़ का रीएजेंट और जांच मशीनें खरीद डाला…

CGMSC Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों को दवाइयां और मेडिकल इक्विमेंट मुहैया कराने के लिए गठित किए गए सीजीएमएससी में इस स्तर पर घोटाले होंगे, जानकार लोग हतप्रभ हैं। छत्तीसगढ़ के दो करोड़ लोग इन सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहते हैं। इन अस्पतालों के लिए सीजीएमएससी को खरीदी एजेंसी बनाया गया है। हेल्थ के बजट का लगभग 90 परसेंट हिस्सा सीजीएमएससी खर्च करता है।

सीजीएमएससी के अफसरों ने मोक्षित कारपोरेशन को लाभ पहुंचाने के लिए नियम कायदों को ताक पर रख दिया। पूरा खेला हमर लेब के नाम से हुआ। हमर लेब भारत सरकार का स्कीम है, जिसमें 15वें वित्त आयोग से पैसा मिलता है।

2019 में स्वास्थ्य विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत रायपुर के आंबेडकर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में हमर लैब की स्थापना की। उसके बाद 2021 में तय किया गया कि सभी जिला अस्पतालों के साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न पैथोलाजी वाले परीक्षण होंगे।

विधानसभा चुनाव 2023 के साल जून के बाद अचानक सीजीएमएससी के अफसर हरकत में आए और मोक्षित कारपोरेशन से 300 करोड़ से अधिक का रीएजेंट और जांच मशीनें खरीद लिया। अफसरों ने इससे पहले डायरेक्टर हेल्थ से यह भी नहीं पूछा कि रीएजेंट की कितनी जरूरत है और उसे रखने के लिए रेफ्रिजरेटर है या नहीं। रीएजेंट की सप्लाई के बाद कई जगहों पर रेफ्रिजरेटर खरीदा गया।

चूकि सीजीएमएससी के पास जितना पैसा था, उसे वह मोक्षित कारपोरेशन को पेमेंट कर दिया, बाकी के लिए डायरेक्टर हेल्थ से पैसा मांगा तब जाकर खरीदी के इस खेल का भंडाफोड़ हुआ।

डायरेक्टर हेल्थ ऋतुराज रघुवंशी ने इसके लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई। कमेटी ने अपने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बिना जरूरत के करोड़ों के रीएजेंट खरीदी के लिए सीजीएमएससी को जिम्मेदार ठहराया।

नीचे देखिए डायरेक्टर हेल्थ का जनवरी 2024 की डेट में बनी जांच कमेटी और उसकी आठ पेज की जांच रिपोर्ट

यहां देखिए आदेश 

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