Raipur News: रायपुर में 15 साल से नहीं खिला कमल: महिला आरक्षण के साथ शुरु हुआ था वनवास, इस बार फिर…

Raipur News: रायपुर में 15 साल से नहीं खिला कमल: महिला आरक्षण के साथ शुरु हुआ था वनवास, इस बार फिर…

Raipur News: रायपुर। प्रदेश में 14 नगर निगम हैं, लेकिन इनमें रायपुर नगर निगम की अहमियत अलग है। राजधानी होने की वजह से यहां के मेयर का पद कुछ ज्‍यादा ही प्रतिष्‍ठापूर्ण माना जाता है। प्रदेश के 25 साल के इतिहास में करीब 8 साल छोड़ दें तो पूरे समय बीजेपी सत्‍ता में रही है, लेकिन रायपुर नगर निगम हमेशा बीजेपी के हाथ से फिसल जाता है। रायपुर नगर निगम में बीजेपी का वनवास काल 15 साल का हो चुका है।

रायपुर नगर निगम की सत्‍ता में अंतिम बार बीजेपी 2004 में काबिज हुई थी। इसके बाद कभी निगम की सत्‍ता उसके हाथ नहीं आई। सुनील सोनी रायपुर नगर निगम में बीजेपी के अंतिम मेयर थे। 2010 में रायपुर नगर निगम का पद महिला आरक्षित हो गया। ऐसे में पार्टी ने सुनील सोनी के स्‍थान पर प्रभा दुबे को मैदान में उतारा। प्रभा दुबे का मुकाबला कांग्रेस की किरणमयी नायक से हुआ। किरणमयी ने प्रभा दुबे को हरा दिया और रायपुर की पहली महिला मेयर बनीं।

2015 के चुनाव में रायपुर मेयर का पद सामान्‍य हो गया। कांग्रेस ने छात्र राजनीति से आए और ब्राह्मण पारा वार्ड से तत्‍कालीन पार्षद प्रमोद दुबे को टिकट दिया। इधर, बीजेपी ने सच्चिदानंद उपासने को मैदान में उतार दिया। चुनाव प्रचार के दौरान कांटे की टक्‍कर दिखी, लेकिन रिजल्‍ट कांग्रेस के पक्ष में आया। प्रमोद दुबे रायपुर के मेयर बन गए। 2019 के चुनाव में मेयर का चुनाव अप्रत्‍यक्ष प्रणाली से हुआ। इस बार फिर कांग्रेस के एजाज ढेबर मेयर चुन लिए गए।

इस बार महिला आरक्षित

रायपुर मेयर का पद इस बार महिला आरक्षित है। हालां‍कि अभी दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्‍याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन इस बात की चर्चा हो रही है कि क्‍या महिला आरक्षण के साथ शुरु हुआ बीजेपी का वनवास इस बार महिला आरक्षण से खत्‍म हो जाएगा।

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