Chhattisgarh News: सात साल लड़ी मुकदमा, वापस मिली नौकरी, 42 दिन रहीं सिविल जज….. एक बार फिर हो गई बर्खास्त

Chhattisgarh News: बिलासपुर। सीनियर ला अफसर से दुर्व्यवहार करने के आरोप में बर्खास्तगी की सजा झेल रही आंकाक्षा भारद्वाज ने अपनी लड़ाई खुद लड़ी थी। सात साल मुकदमा लड़ने के बाद जीत हासिल की थी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने बर्खास्तगी आदेश को समाप्त करते हुए 3 दिसंबर 2024 को महासमुंद में पोस्टिंग किया था। महासमुंद में सिविल जज पंचम के पद पर आकांक्षा कार्य कर रही थी। सेवा में वापसी किए बमुश्किल 42 दिन हुए थे कि एक बार फिर विधि एवं विधायी विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया है।
आकांक्षा भारद्वाज का चयन वर्ष 2012-13 में हुई परीक्षा के जरिए सिविल जज (प्रवेश स्तर) के पद पर हुआ था। 12 दिसंबर 2013 को जारी आदेश के अनुसार उन्हें दो वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्ति दी गई थी। 27 दिसंबर 2013 को उसने नौकरी ज्वाइन कीथी। सेवाकाल के दौरान सीनियर मजिस्ट्रेट ने उनसे अनुचित व्यवहार किया, लेकिन उन्होंने नई ज्वॉइनिंग होने के कारण शिकायत नहीं की। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का स्वतंत्र प्रभार मिला। सीनियर मजिस्ट्रेट का तबादला होने के कारण अंबिकापुर कोर्ट में सिर्फ चार सीनियर जज ही कार्य कर रहे थे। सभी एक सीनियर जज के अधिनस्थ कार्य कर रहे थे। सीनियर मजिस्ट्रेट के पास जब-जब ज्यूडिशियल मामलों में मार्गदर्शन के लिए जाती थीं, तो उनसे अनुचित व्यवहार किया जाता था। इसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों से पहले मौखिक और बाद में लिखित शिकायत की। इसी बीच सीनियर मजिस्ट्रेट ने दुर्व्यवहार की शिकायत की। मामले की जांच के बाद प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी आदेश को सिंगल बेंच के समक्ष चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने 31 जनवरी 2017 को कमेटी की विधि विधायी विभाग द्वारा 9 फरवरी 2017 को जारी बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ता को बैक वेजेस के बगैर सिविल जज-2 के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने आदेश जारी किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने महासमुंद में सिविल जज पंचम के पद पर पदस्थ किया था। इसी बीच छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 6 जनवरी 2025 को उनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की थी। हाई कोर्ट की अनुशंसा के बाद विधि विधायी विभाग ने बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि जारी आदेश में किन कारणों से दोबारा बर्खास्त किया गया है इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
क्या है आदेश में
एफ. क्रमांक 183/70/XXI-बी/सी.जी./2025 छत्तीसगढ़ राज्य सरकार, माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के ज्ञापन क्रमांक 1676/confdl./2025/11-03-02/2002 (भाग-IV), बिलासपुर 06 जनवरी, 2025 द्वारा छत्तीसगढ़ अवर न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2006 के नियम 11 के उपनियम (4) के अनुसार की गई अनुशंसा को स्वीकार करते हुए, अवर न्यायिक सेवा की सदस्य कु. आकांक्षा भारद्वाज, जो वर्तमान में चतुर्थ सिविल न्यायाधीश जूनियर डिवीजन, महासमुंद के पद पर पदस्थ हैं, की सेवाएं इस आदेश की तामील की तिथि से समाप्त करती है।
बर्खास्तगी आदेश की इनकाे दी गई जानकारी
रजिस्ट्रार जनरल, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर
महालेखाकार, छत्तीसगढ़, रायपुर
प्रिंसिपल सेक्रेटरी तो हों’बल चीफ मिनिस्टर, मंत्रालय
डेप्युटी सेक्रेटरी तो चीफ सेक्रेटरी, गवर्नमेंट ऑफ़ छत्तीसगढ़
निजी सचिव, माननीय कानून मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, महासमुंद,
निज सचिव, प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, छत्तीसगढ़ शासन
कुमारी आकांक्षा भारद्वाज, आईवी सिविल जज जूनियर डिविजन, महासमुन्द
उप संचालक, शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय
