Chhattisgarh Weather Report: मैनपाट में बिछी बर्फ की चादरें, पारा 1.2 डिग्री: उत्तर छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड

Chhattisgarh Weather Report: सरगुजा। उत्तर छत्तीसगढ़ ठंड के आगोश में समा गया है। कड़ाके की ठंड के बीच छत्तीसगढ़ के जम्मू कश्मीर कहे जाने वाले मैनपाट का पूरा मौसम ही बेहद खुशनुमा हो गया है। धरती पर बिछी बर्फ की चादरें और सर्द मौसम। कुछ इस अंदाज में वहां बर्फ पड़ रहा है। तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। मैनपाट में पारा 1.2 डिग्री पहुंच गया है। जाहिर सी बात है, कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सुबह का नजारा बेहद खूबसूरत बन पड़ा है।
घास के मैदान, खेत-खलिहान, पुआल के ढेर पर पाला जमने के कारण ऐसा लगा रहा था मानो प्रकृति ने धरती को सफेदी की चादर ओढ़ा दी है। बर्फ गिरने के कारण मौसम खुशनुमा हो गया है, शीतलहर भी इसी अंदाज में चल रही है। इसके चलते कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से ठंड से कुछ राहत मिलेगी।
जनवरी के पहले सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ के लगातार सक्रिय रहने के कारण सरगुजा संभाग के मौसम में उतार-चढाव बना हुआ था। न्यूनतम तापमान भी बढ़कर 14 डिग्री तक पहुंच गया था। विक्षोभ का असर कमजोर पड़ने के साथ ही कोहरा छाने लगा है। मौसम में बदलाव के चलते पूरे इलाके में घना कोहरा छाने लगा है। बीते दो दिनों से मौसम कुछ ऐसा ही बना हुआ है। उत्तर छत्तीसगढ़ दो दिनों के घने कोहरे के आगोश में है। जाहिर है जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। इसके चलते तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है।

मैनपाटा में बर्फ की बिछी चादर
गुरुवार सुबह मैनपाट में पाला बर्फ की चादर के समान बिछ गया। घास के मैदान, पुआल के ढेर, पेड़ पत्तियों में पाला उसकी जम गया। मैनपाट में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट का कहना है कि आने वाले 24 घंटे के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ेगी। फिलहाल ठंड से राहत नहीं मिलेगी। 10 जनवरी से उत्तर भारत में सक्रिय हो रहे विक्षोभ के कारण उत्तर छत्तीसगढ़ के मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। संभावना है कि 14 और 15 जनवरी के आसपास आसमान में बादल छाएंगे और तापमान में कुछ वृद्धि होगी।
बर्फबारी से आलू की खेती को नुकसान
मैनपाट सहित बलरामपुर जिले के सामरी पाट में जमकर पाला पड़ा है। इससे इन दोनों इलाके में बड़े पैमाने पर लगी आलू की खेती को नुकसान होने की आशंका है। मैनपाट कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संदीप शर्मा के अनुसार पाला से आलू की पत्तियां गल जाती हैं जिससे पौधा सूखकर पीला हो जाता है। इसकी रोकथाम के लिए किसान भाई आलू की फसल में सिंचाई करें। खेत में नमी की मात्रा बनी रहने से नुकसान कम होने की संभावना रहती है। विक्षोभ के गुजरने के बाद उत्तर छत्तीसगढ़ में तेजी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।