Chhattisgarh: न्यू ईयर सिलब्रेशन और मुर्गा विवाद- जर्मन शेफर्ड ने बिगाड़ा पड़ोसी का प्लान, सेलिब्रेट करने के बजाय पहुंच गया थाना

Chhattisgarh: न्यू ईयर सिलब्रेशन और मुर्गा विवाद- जर्मन शेफर्ड ने बिगाड़ा पड़ोसी का प्लान, सेलिब्रेट करने के बजाय पहुंच गया थाना

जशपुर। न्यू ईयर हो या फिर बर्थ डे या कोई और सेलिब्रेशन, जाहिरतौर पर पहले से प्लान बनता है। प्लान में मेनू से लेकर पता नहीं और क्या-क्या शामिल होते जाता है। डे स्पेशल तक इसमें रद्दोबदल होते रहता है। पर यहां मामला ही कुछ अलग था। पहले दिन से ही तय था कि मुर्गा पार्टी के साथ न्यू ईयर को अपने अंदाज में सेलिब्रेट करना है। तैयारी भी वैसे ही चल रही थी। पर यह क्या, प्लान को परफेक्ट इसके पहले ही पड़ोसी के जर्मन शेफर्ड से सब-कुछ चाैपट कर दिया। आव देखा ना ताव, शेफर्ड ने ही मुर्गा पार्टी मना डाली। मुर्गा विवाद इतना बढ़ा कि 31 दिसंबर को घड़ी की सुई 12 से कब आगे निकल गया,पता ही नहीं चला और सेलिब्रेशन के बजाय सीधे थाने पहुंच गए।

लंबीटोली निवासी देवनाथ राम ने नए साल की दावत के लिए एक खास मुर्गा पाल कर रखा हुआ था। परिवार और दोस्तों के साथ इसी मुर्गे के दम पर न्यू ईयर सिलब्रेशन की ना केवल योजना बनाई थी, मित्रों को आमंत्रण भी दे दिया था। योजना मूर्त रूप लेता इसके पहले ही पड़ोसी प्रेम यादव का जर्मन शेफर्ड देवनाथ के घर में घुसा और खुद ही मुर्गा पार्टी मना डाली। जर्मन शेफर्ड ने मुर्गे को चट कर दिया। मुर्गा पार्टी में जर्मन शेफर्ड के खलल से नाराज देवनाथ ने प्रेम यादव से इसकी शिकायत की। शिकायत से ही मामला नहीं सुलझा। दोनों के बीच इस बात को लेकर जमकर विवाद भी होने लगा। देवनाथ सीधे कुनकुरी थाने पहुंचा और रिपोर्ट लिखा दी। प्रेम यादव दौड़ते भागते थाने पहुंचा और सफाई में अपनी बात रखी।

0 500 रुपये भरना पड़ा जुर्माना

मुर्गा पार्टी का विवाद जब थाने पहुंचा तब थानेदार ने दोनों को समझाइश दी। कुत्ता मालिक प्रेम यादव को 500 रुपये देवनाथ को देने कहा। बतौर जुर्माना राशि लेने के बाद देवनाथ और प्रेम यादव के बीच समझौता हो गया।

0 अजीबो-गरीब शर्त के कारण बढ़ा था विवाद

प्रेम यादव के जर्मन शेफर्ड द्वारा देवनाथ के मुर्गे को खाने के बाद विवाद इस बात को लेकर बढ़ा कि देवनाथ चाहता था कि उसका मुर्गा जिस रंग का था और जितने वजन का था, वैसा ही मुर्गा प्रेम यादव उसे लाकर दे। प्रेम यादव ने हर्जाना देने से मना तो किया साथ ही देवनाथ को यह भी समझाइश दे दी कि उसने अपने मुर्गे को संभाल कर नहीं रखा था, मुर्गा को देखते ही जर्मन शेफर्ड झपटा मारा और चट कर दिया। बात जब दाेनों तरफ से नहीं बनी और कोई भी समझौते के लिए तैयार नहीं तब मामला थाने जा पहुंचा।

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